आत्म विश्वास की विशेषताएं क्या होती हैं?
हिंदुत्ववादियों का मानना था कि भारतीय समाज गुलाम इसलिए बना क्योंकि हमने आत्मविश्वास की कमी थी। तो उन्होंने आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए भारत देश पर गर्व करने योग्य बातें—ज्ञान तथ्य, विषयवस्तु —ढूंढ ढूंढ कर प्रचारित करना शुरू किया। मगर वे अनजाने में समाज में आत्ममुग्धता प्रसारित कर बैठे आत्मविश्वास भरे व्यक्ति में किसी से भी बातचीत कर सकने की प्रतिभा धनी होती है। चाल चलन, पहनावा और सबसे महत्वपूर्ण —जीवन आवश्यक निर्णय ले सकने की समझ — परिपक्व होती है। इस विशेषताओं के चलते कई लोग सोच बैठते हैं कि आत्म विश्वास का अर्थ है बहुत बातें कर सकना, या कि अंग्रेजी में बोल सकना, या "smart"(मिनी, midi, fashionable) कपड़े पहनना, अंग्रेजी गाने सुनना, अमेरिका यूरोप की ही बातें करना और तारीफ करते रहना, बहुत सारा ज्ञान संशय करके यहां वहां झड़ते रहना, उपलब्धियां गिनवाना, वगैरह वगैरह। मगर ये सब व्यवहार वास्तव में आत्मविश्वास के विकसित करने के बीज नही होते है , बल्कि पहले से ही उत्पन्न हुए आत्मविश्वास को दुनिया के सामने चमकाने का माध्यम मात्र होते हैं। आत्मविश्वास का मूल स्रोत दार्शनिक सोच होती है