commentary on today's power failure in Northern india
नौकरी-शुदा और पेशेवार लोगो की हमेशा से यह कमी जानी गयी है की रोज़-मर्रा के जीवन संघर्ष में लिप्त यह वर्ग कला , साहित्य जैसे अतरिक्त-समय वाले विषयों पर शोध पूर्ण ज्ञान नहीं प्राप्त कर पाते / प्राचीन रोमन काल में ऐसे वर्ग को प्लेबियन (Plebeian) (अर्थात "सर्व -साधारण ") नाम से पुकारा गया था, जो की दास व गुलाम बन्ने के लिए ही उचित माने जाते थे / उच्च पत्रिचियन (Patrician ) वर्ग (अर्थात कुल-वान ) ही सत्ता का भोग करते थे और Plebeian पर शाशन करते थे / राजनीती की कला में सिर्फ patrician ही माहिर होते थे / Plebeian, यानी निचले तपके के लोग , आज के professional और service class के सामान है / राजनीति से परे , अपना week-end मनाने में मशगूल / राष्ट्र के चिंतायों से परे/ विधि-विधान राजनेति कला-विज्ञानं, लोक-प्रशाशन के विषयों से अनजान / Plebeian को विधि-विधान अथवा क़ानून से सम्बंधित ज्ञान नहीं होता था और वह अक्सर कर के नियम अनजाने में तोड़ बैठते थे , मगर उनको उनको नियन उलंघन की सज़ा हमेश दी जाती थी / राष्ट्रीय व सामाजिक चिंताओं से उन्हें अलग रखने के लिए ही Gladiator का तमाशा प्र