भारत के मौजूदा राष्ट्रपति
जहाँ हम भारत वर्ष के नागरिक अभी तक इसी सच को समझने में लगे हैं की कैसे राजा-रजवाड़ों के ज़माने अब अतीत में जा चुके हैं , आधुनिक युग प्रजातंत्र का युग है , - प्रजातंत्र व्यवस्था के सर्वप्रथम पालक - ब्रिटेन - में राजा-रजवाड़ों की व्यवस्था को बहुत चतुराई से प्रजातंत्र से संगम कर के प्रयोग किया गया है की जिस से की धर्म , नैतिकता और सत्य को किसी भी प्रकार के कूटनैतिक शिकस्त से संरक्षण हमेशा के लिए मिला रहे । ब्रिटेन प्रजातंत्र (democracy) होने के साथ-साथ एक 'राज-तंत्र' (monarchy) राष्ट्र भी है । जहाँ भारत एक 'गणतंत्र' (republic) व्यवस्था का पालक है , और देश का 'प्रथम व्यक्ति , देश प्रमुख' एक चुनावी क्रिया से तय किया हुआ व्यक्ति होता है , जिसे हम "राष्ट्रपति" कह कर संबोधित करते है , ब्रिटेन में देश का 'प्रथम व्यक्ति , देश प्रमुख' वहां पर सदियों से चले आ रहे राज शाशक , वहां के सम्राट होते है । ब्रिटेन में संसद भवन नाम की व्यवस्था वहां के पारंपरिक शाशक , यानि सम्राट (महाराज /अथवा महारानी , जैसे मौजूदा में महारानी एलिज़ाबेथ ), की शक्तियों को दि