साहित्य (यानी कहानियां , कविताओं, फिल्मों, टीवी नाटकों , उपन्यासों इत्यादि) को छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाया जाना चाहिए?
साहित्य (यानी कहानियां , कविताओं, फिल्मों, टीवी नाटकों , उपन्यासों इत्यादि) को छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाया जाना चाहिए? साहित्य पढ़ाने का उद्देश्य क्या होता है? हिंदी cartoon, वीर द रोबोट boy , और जापानी कार्टून डोरेमॉन, या s inchan में क्या अंतर है? भारतीय संस्कृति में साहित्य के पठान का उद्देश्य बच्चों को किसी विशेष सोच, संस्कृति, नैतिकता, और धर्म को स्मरण करवाना होता है। जब हम भारत में निर्मित हुए छोटे बच्चों के टीवी वाले cartoon कार्यक्रमों, जैसे की vir the robot boy को देखते हैं और फिर उनकी तुलना किसी अन्य देश (अथवा संस्कृति) से करते है, जैसे की doreamon (जापानी) तब आपको इस भेद का आभास खुद ब खुद होने लग जाता है। जापानी कार्टून अपने बच्चों के जहन (conscience) में कोई पूर्व निर्धारित नैतिकता, धर्म या सही–गलत प्रवेश करवाने की चेष्टा नहीं कर रहे दिखते हैं, जबकि भारतीय कार्टून ऐसा करते महसूस किए जा सकते हैं। मातापिता की अपने बच्चों से कुछ अपेक्षा होना जाहिर बात है और जो कि सभी देशों की संस्कृतियों में प्रायः दिखाई पड़ती है। अंतर सिर्फ ये है कि भारतीय संस्कृति में अपेक्षा में