आरएसएस के भारतिय संस्कृतिक मूल्यों के सुधार के उपाय और स्वर्ग की सीधी सीढ़ियां
एक बार रावण ने स्वर्ग तक जाने वाली सीढ़ियों के निर्माण का प्रोजेक्ट शुरू किया था। मगर वह सफल नहीं हो सका। सबक यह है कि जिन तकनीकी कारणों से रावण स्वर्ग तक की सीधी सीढ़ियों का प्रोजेक्ट सफल नहीं बना पाया, उसी के जैसे तकनीकी कारणों से भाजपा और आरएसएस को जनता के नैतिक, सामाजिक मूल्यों में सुधार करने के लिए प्रासंगिक स्वर्ग की सीढ़ी के जैसे सीधे दिखने वाले तरीकों का प्रयोग बंद करना चाहिए। जैसे कि - प्रतिबन्ध और प्रताड़ना, सजा , moral policing, दंगे करवाना, भय व्याप्त करना , ईत्यादि। मानवता और समाज का सुधार इन तरीकों से कभी भी नहीं हो पाया है। एंथ्रोपोलॉजी विज्ञान में इंसान को उसके आज के सभ्य और सामाजिक जीवन से लेकर उसके आरंभिक काल के जंगली वनमानव पशु जीवन के बीते चरण की तलाश शायद यह भी एक सबक देती है। व्यापक सामाजिक सुधार सही नेतृत्व के चुनाव से आरम्भ होते है। भगवान ने इंसान को साफ़ और सुधरा हुआ बनाया ही नहीं क्योंकि शायद यह उसके लिए भी संभव न था। भगवान खुद भी सामाजिक सुधार के लिए सिर्फ एक-आध अवतार से काम नहीं चला पाया और उसे भी कई बार अवतार लेना पड़ता है । और वह भी इंसान के रूप में, कि