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Showing posts from February, 2023

Why we are either Far-right wingers, or the Far -left wingers ? Why are most people so? Why are we bigoted?

Why we are either Far-right wingers, or the Far -left wingers ?  Why are most people so?  Why are we bigoted?  We all are bigoted in one way or the other. In one subject matter or the other. Every human being ever born is a bigot, thus. The default birth status of a human child is to become a bigot when he grows up UNLESS some purity of Conscience happens in him, PLUS he acquires a  repertoire of knowledge by  which he may have a grand view, enough to provide him a bird-eyeview of as many subject matters as possible .  WE are designed by mother nature herself to see onlyone one side of the coin. We can never see both the sides of the coin together. Hence we are bigots - far right, or the far le ft winger.   Only a rare amongst us attain the Buddha, the seeker of the balanced, middle path , the one who starts seeing the circle of life as an unending wave of highs and lows, and then learns to keep himself free from both- the pleasure and the pain- by a method of self-control. He who p

क्या राजनैतिक झगड़ा चल रहा है वर्तमान भारत में 'इतिहास' और 'हिन्दू राष्ट्र' के इर्दगिर्द

मेरा खयाल है कि हमें बारबार इतिहास कि ओर इसलिए भी देखना पड़ जाता है क्योंकि हमारी वर्तमान काल की कई सारी समस्याओं के मूल को समझने की दिक्कत हमें इतिहास में ले जा बैठती है।  करीबन हमेशा ही, हमारी वर्तमानकालीन समस्याओं का मूल हमारी अपनी सोच, तर्क, दर्शन, नही है। बल्कि कहीं से आयात हो कर आई है। उस आयात क्रिया का एकशब्द, संक्षिप्त विवरण है ' इतिहास '। इसलिए भारत के विधान, सामाजिक,धार्मिक, राजनैतिक, प्रशासनिक समस्याओं को बूझने के लिए ' इतिहास ' जानना परम आवश्यक है।  और फ़िर जब भी हम अपनी तफ्तीश के दौरान ' इतिहास ' और वर्तमान चाहतों के बेमेले को  देखते हैं, हमें अपने से एहसास आ जाता है कि हमारा तंत्र नकल करके प्राप्त किया हुआ है, यानी हमारे अपने दर्शन की उपज नहीं है।  इसके आगे, जब हम दोनो तर्कों को- हमारी अपनी सोच और दर्शन के तर्क, तथा आयात किए गए ‘ इतिहासिक ’ तर्क को देखते हैं– तब हमें प्रत्येक विचार में ‘आज़ादी’ (ब्रिटिश के लौट जाने की बाद वाली) के बाद हुई छेड़छाड़, pseudo -करण (छद्म करण) दिखाई पड़ने लगता है। फिर, यहां से हमारे देशवासियों में दो गुटों में मत-विभाजन

सिग्मंड फ्रॉएड और शिक्षित तथा अशिक्षित व्यक्ति का अंतर

  मनोविज्ञान के जनक , ऑस्ट्रिया के  सिग्मंड  फ्रॉएड , का विचार था कि इंसान का व्यवहार उसकी मस्तिष्क की अवचेतन में बसी कुछ धुंधली यादें (subconscious memories), उसकी सोच (thoughts) और उसकी अस्पष्ट चाहतों (urges) से निर्धारित होता है।  और इंसान को खुद से भी पता नही होता है उसकी ये सब अस्पष्ट, धुंधली बातें।    यानी इंसान खुद भी नही जानता है कि वो क्या, क्यों, किस वजह से व्यवहार कर रहा है। सिगमंड के अनुसार जो लोग अनुशासन, नियम, दबाव में जीवन जीते हैं, वे ऐसे इसलिए होते हैं क्योंकि उनके बचपन में उन्हें मल त्यागने पर घोर क्रोध से नियंत्रित किया जाता था।(Anal Retentive)   –भाग २ इंसान संसार को जिस आधारों से देखता, समझता, उच्चारण करता है, वे cognitive schemas कहलाने वाले बिंदु इंसान को अपने पर्यावरण,निकट संबंधियों,मित्रो और शिक्षा से प्राप्त होते हैं। प्रत्येक इंसान अपने मतानुसार संसार को चलाने वाली शक्तियों को बूझता रहता है,ताकि वो इन शक्तियों को अपने हित में, सुख सुविधा के लिए नियंत्रित कर सके। इस शक्तियों का बोध प्रत्येक इंसान में भिन्न होता है–ये क्या है, कैसी हैं, इत्यादि।  शिक्ष

छोटे बालको को कंप्यूटर का इतिहास पढ़ाया जाना क्यों जरूरी होता है ?

कंप्यूटर का इतिहास जानना क्यों आवश्यक होता है?  कभी आप एक प्रयोग करके देखिए :– छोटे बच्चों (करीब दस से बारह साल आयु वाले) से पूछिए कि,  'coding क्या होती है?' और फिर इन बच्चों से बारी बारी से जो कुछ भी जवाब मिलता है, उसको इकात्रण करिए। उनको थोड़ी देर के लिए आपस में कुछ बहस करने के लिए छोड़ दीजिए कि वे एक दूसरे के विरुद्ध खुद के जवाब को सही साबित करने की कोशिश करें; एक दूसरे के जवाबों का माखौल उड़ाए; एक दूसरे से अधिक श्रेष्ठ, बुद्धिमान पुरुष होने की कोशिश करें।  आप बस बैठ कर आनंद लीजिए, और उनके प्रयासों का खाका बनाते रहिए।  अगर अग्नि शांत होती दिखाई पड़े, तो वापस कुछ नया घी डाल दीजिए, कोई नया सवाल पूछ कर, जैसे कि, ' कंप्यूटर क्या होता है?'  उनके जवाबों में से ही कोई नया टांग खींचने वाला सवाल निकल लीजिए, जो उनको कुछ सोचने पर मजबूर करता रहे कि आखिर सही जवाब क्या हो सकता है।  आप एक बात गौर कर पाएंगे, शायद – कि, कितना जटिल काम होता है बच्चों को ये समझा सकना कि computer क्या होता है, क्या नहीं ; कंप्यूटर के प्रयोग से क्या क्या काम हो सकता है, और क्या क्या नहीं।  अधिकांश छोटे