छोटे बालको को कंप्यूटर का इतिहास पढ़ाया जाना क्यों जरूरी होता है ?
कंप्यूटर का इतिहास जानना क्यों आवश्यक होता है?
कभी आप एक प्रयोग करके देखिए :–
छोटे बच्चों (करीब दस से बारह साल आयु वाले) से पूछिए कि, 'coding क्या होती है?'
और फिर इन बच्चों से बारी बारी से जो कुछ भी जवाब मिलता है, उसको इकात्रण करिए। उनको थोड़ी देर के लिए आपस में कुछ बहस करने के लिए छोड़ दीजिए कि वे एक दूसरे के विरुद्ध खुद के जवाब को सही साबित करने की कोशिश करें; एक दूसरे के जवाबों का माखौल उड़ाए; एक दूसरे से अधिक श्रेष्ठ, बुद्धिमान पुरुष होने की कोशिश करें।
आप बस बैठ कर आनंद लीजिए, और उनके प्रयासों का खाका बनाते रहिए।
अगर अग्नि शांत होती दिखाई पड़े, तो वापस कुछ नया घी डाल दीजिए, कोई नया सवाल पूछ कर, जैसे कि, ' कंप्यूटर क्या होता है?'
उनके जवाबों में से ही कोई नया टांग खींचने वाला सवाल निकल लीजिए, जो उनको कुछ सोचने पर मजबूर करता रहे कि आखिर सही जवाब क्या हो सकता है।
आप एक बात गौर कर पाएंगे, शायद – कि, कितना जटिल काम होता है बच्चों को ये समझा सकना कि computer क्या होता है, क्या नहीं ; कंप्यूटर के प्रयोग से क्या क्या काम हो सकता है, और क्या क्या नहीं।
अधिकांश छोटे बच्चे लोग कंप्यूल्टर को किसी जादूगर की छड़ी की तरह समझते हैं, जिससे कि मानो कुछ भी किया जा सकता है। उनको लगता है कि कंप्यूटर से फ्रिज का काम भी किया जा सकता है, ac और पंखे का भी, और वाशिंग मशीन वाला भी। बस coding करनी होती है। Computer से street hawk वाले टीवी सीरियल की तरह bike भी चलाई जा सकेगी, एक दम तेज गति से।
और शायद की अगर वो coding सीख गए तब वे भी अपने घर वाले computer से कुछ भी काम करवा सकेंगे। शायद किसी एलियन से संपर्क करके दोस्ती कर सकें, जो सुदूर ग्रह से आ कर बच्चों की उंगलियों पर लगाई चोट को पल भर में ही ठीक कर दे।
छोटे बच्चों की computer के प्रति परोकल्पनाओं में शायद आपको ये सब दिखाई पड़े ।
और फिर जब आप उनको समझाने का प्रयास करें कि सही , संतुलित जवाब क्या होना चाहिए, तब आपको अपने मन में दुविधा महसूस होगी कि आरंभ कहां से ,कैसे किया जाए। क्या बताया जाए कि ये बच्चे लोग महज ज्ञान को नहीं, बल्कि concept को पकड़ ले कि कम्प्यूटर से क्या क्या काम किए जा सकते हैं, क्या क्या नहीं।
इसी दुविधा का जवाब , कि शुरू कहां से करें, आपको मिलता है computer का इतिहास पढ़ाने से।
मगर अकसर करके टीचर लोग computer (या किसी भी अन्य विषय में उसका इतिहास ) पढ़ाने में भूलवश से कुछ यूं करने लगते हैं कि मानो इतिहास का ज्ञान पढ़ने का उद्देश्य concept को हस्तांतरण करने का नहीं है, बल्कि इतिहास खुद महज एक बोझ नुमा विषय होता है , किसी परीक्षा को पास कर देने के उद्देश्य भर से। और किसी authority ने विवश किया हुआ है इतिहास को पढ़ने के लिए।
कंप्यूटर के विषय में इतिहास को पढ़ाए जाने का असल उद्देश्य होता है – concepts का ज्ञान हस्तांतरण (transfer) करना कि computer होता क्या है, उसकी क्षमताएं और सीमाएं क्या होती हैं।
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