सर्वोच्च न्यायालय में Computer तथा Electronics प्रौद्योगिकी संबंधित विषयों पर मूढ़ता पर एक विचार
बात 1993 की है, जब हम नौवि क्लास में थे । Computer विषय की अध्यापिका, श्रीमती अनुजा अग्रवाल मैडम हम लोगों को तत्कालीन सुप्रचलित Programming Language, GW—Basic, में RND नामक Statement पर लेक्चर देते हुए बता रही थी की Random Numbers क्या होते हैं, और कैसे computers के उपयोग को Casino, Computer Games जैसे कि Wheel of Fortune, Roulette, Poker Games के लिए मार्ग खोल देते हैं। हम छात्र लोगो का सवाल जाहिर सा उठा टीचर से — कि, क्या Computers पर आधारित Gambling Machines पर भरोसा किया जा सकता है ? क्या इन machines के भीतर के computers पर कोई दूसरी program लिख करके अपने इच्छा अनुसार वाले random numbers नही generate करवा सकता है कोई , जैसे कि casino का मालिक खुद ही । अनुजा मैडम का जवाब धमाकेदार था, और आजतक याद है — कि, हां ऐसा किया जा सकता है । वास्तव में computer और electronics प्रौद्योगिकी कि इंसानों द्वारा बनाई गई कृतिम दुनिया में कुछ भी uncontrolleable नहीं होता है। सिर्फ आसमान में चमके और गिरने वाली बिजली ही सच्चे मायनों में संसार में वाकई में Random होती है, जिसकी भविष्यवाणी नही करी जा स