क्यों ये देश हमेशा वास्तविक उद्योगपति से रिक्त बना रहेगा और विदेशी कंपियों के द्वारा लूटा जाता रहेगा
जैसा की मैं हमेशा से बताता आय हूँ, भारत में "उद्योग पति" के नाम पर वास्तव में सिवाए "मारवाढ़ी गिरी " के कुछ नहीं है , - वो सामुदायिक परिवार के लोग जो की बड़े स्तर पर परच्युन की दुकान चलाते हैं , बिचौलिया-दलाली के धंधे के कमाई करते , और कुछ नहीं। और अक्सर करके अपने राजनैतिक -बाबूशाही संबंधों का फायदा ले कर monopoly जमा लेते, समाज को कंगला कर देते हैं। भारत में वास्तविक कौशल कामगार professional (व्यवसायी) नहीं होता है , जो की उद्योगिक जोखिम ले, मुद्रा बाजार से सार्वजनिक धन को ले कर नवीन , अनजाने क्षेत्र में किसी अनदेखे , अनसुने उद्योग की नीव डाले और समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए कामयाबी के शिखर तक पहुँच जाये। माइक्रोसॉफ्ट का बिल गेट्स खुद एक कंप्यूटर इंजीनियर कौशल कामगार (पेशेवरिय कंप्यूटर professional ) है, और अपना उद्योग ऐसे क्षेत्र में (कंप्यूटर जन्य सॉफ्टवेयर उत्पाद सेवा ), वो भी तब जमाया था जब कोई भी उस क्षेत्र मे नहीं था। ये पूरा अनजान और अनसुना-अनदेखा क्षेत्र था जिसमे कोई भी उद्योग था ही नहीं । एलोन मस्क ने battary ऊर्जा संचालित कारों के निर