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Showing posts from April, 2022

क्यों ये देश हमेशा वास्तविक उद्योगपति से रिक्त बना रहेगा और विदेशी कंपियों के द्वारा लूटा जाता रहेगा

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 जैसा की मैं हमेशा से बताता आय हूँ,  भारत में "उद्योग पति" के नाम पर वास्तव में सिवाए "मारवाढ़ी गिरी " के कुछ नहीं है , - वो सामुदायिक परिवार के लोग जो की बड़े स्तर पर परच्युन की दुकान चलाते हैं , बिचौलिया-दलाली के धंधे के कमाई करते , और कुछ नहीं।   और अक्सर करके अपने राजनैतिक -बाबूशाही संबंधों का फायदा ले कर monopoly जमा लेते, समाज को कंगला कर देते हैं।    भारत में वास्तविक कौशल कामगार professional (व्यवसायी) नहीं होता है , जो की उद्योगिक जोखिम ले, मुद्रा बाजार से सार्वजनिक धन को ले कर नवीन , अनजाने क्षेत्र में किसी अनदेखे , अनसुने उद्योग की नीव डाले और समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए कामयाबी के शिखर तक पहुँच जाये।  माइक्रोसॉफ्ट का बिल गेट्स खुद एक कंप्यूटर इंजीनियर कौशल कामगार (पेशेवरिय कंप्यूटर professional ) है, और अपना उद्योग ऐसे क्षेत्र में (कंप्यूटर जन्य सॉफ्टवेयर उत्पाद सेवा ), वो भी तब जमाया था जब कोई भी उस क्षेत्र मे नहीं था।  ये पूरा अनजान और अनसुना-अनदेखा  क्षेत्र था जिसमे कोई भी उद्योग था ही नहीं ।   एलोन मस्क ने battary ऊर्जा संचालित कारों के निर

डार्विन के तर्क अनुसार महिलाएं क्यों निम्म होती हैं पुरुषों से

महान चिंतक और वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन अपने एक मतविचार मे महिलाओं को पुरुष से निम्म होने का तर्क रखते हुए कहते हैं कि स्त्रियाँ यदि अपने gut feelings(आने वाले खतरों का अंतर्ध्यान के प्रयोग से पूर्वानुमान कर लेना) में पुरुषों की अपेक्षा ज़्यादा बेहतर होती है तब यही अपने आप मे प्रमाण होता है कि वो पुरुषो से बौद्धिक कौशल में निम्म हैं। डार्विन का यह मत उनके अपने सिद्धांतों पर आधारित था कि प्रकृति में gut feeling का प्रयोग करने वाले जीव जंतु food chain या भोजन श्रृंखला में निम्म होते हैं। इस प्रकार के आचरण को डार्विन instinctive behaviour बुलाते थे , और जो कि ज्यादातर जीवजंतुओं में देखा जाता है। इसके बनस्पत होता है उच्च बौद्धिक कौशल वाला आचरण जो कि आधारित होता है सूचना , ज्ञान , जानकारी पर। उसे informed behavior बुलाते है।  डार्विन का सिद्धांत बताता था कि informed behaviour करने के लिए बुद्धि की अधिक क्षमता चाहिए होती थी,  क्योंकि सूचना को मंथन करके अर्थ निकालने के लिए मस्तिष्क में स्थान, वजन दोनो चाहिए होते हैं । प्रकृति में बड़ा वजन और आकार का मस्तिष्क सभी जीव जंतुओं को देना संभव नहीं था।