डार्विन के तर्क अनुसार महिलाएं क्यों निम्म होती हैं पुरुषों से

महान चिंतक और वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन अपने एक मतविचार मे महिलाओं को पुरुष से निम्म होने का तर्क रखते हुए कहते हैं कि स्त्रियाँ यदि अपने gut feelings(आने वाले खतरों का अंतर्ध्यान के प्रयोग से पूर्वानुमान कर लेना) में पुरुषों की अपेक्षा ज़्यादा बेहतर होती है तब यही अपने आप मे प्रमाण होता है कि वो पुरुषो से बौद्धिक कौशल में निम्म हैं।
डार्विन का यह मत उनके अपने सिद्धांतों पर आधारित था कि प्रकृति में gut feeling का प्रयोग करने वाले जीव जंतु food chain या भोजन श्रृंखला में निम्म होते हैं। इस प्रकार के आचरण को डार्विन instinctive behaviour बुलाते थे , और जो कि ज्यादातर जीवजंतुओं में देखा जाता है। इसके बनस्पत होता है उच्च बौद्धिक कौशल वाला आचरण जो कि आधारित होता है सूचना , ज्ञान , जानकारी पर। उसे informed behavior बुलाते है। 

डार्विन का सिद्धांत बताता था कि informed behaviour करने के लिए बुद्धि की अधिक क्षमता चाहिए होती थी, 
क्योंकि सूचना को मंथन करके अर्थ निकालने के लिए मस्तिष्क में स्थान, वजन दोनो चाहिए होते हैं । प्रकृति में बड़ा वजन और आकार का मस्तिष्क सभी जीव जंतुओं को देना संभव नहीं था।
इसलिए प्रकृति ने  instinctive behaviour के कार्य वाले छोटे मस्तिष्क जीव-जंतुओं को दे कर काम चला लिया था।

तो यदि महिलाएं अपने अन्तर्धानी शक्ति (यानी instinctive behaviour से प्राप्त शक्ति) में पुरुषों से बेहतर है, तो वो छोटी मस्तिष्क की है, यानी निम्म है 

आधुनिक विज्ञान अभी तक ये पूर्ण तटस्थ हो कर तय नहीं कर पाया है कि स्त्री और पुरुष में श्रेष्ठ कौन है, मगर डार्विन के तर्क की रेखा को उचित जरूर मानता है। 

Instinctive behaviour एक नैसर्गिक आचरण होता है , जो सुनने में भले सुहाता हो,मगर डार्विन सिद्धांतो से कमज़ोर और निम्म मस्तिष्क वाले प्राणियों में पाया जाता है। ऐसे लोग अच्छा समाज, तकीनीकी विकसित समाज  , न्यायपूर्ण समाज बसा सकंने के काबिल नहीं होते है। instinctive behvaiour प्रायः ग़लत निर्णय या न्याय करता है बनस्पत informed behaviour के ।

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