क्यों एक इंजीनयर या डॉक्टर को कदापि IAS IPS नहीं बनाना चाहिये
किसी IIT, AIIMS से पढ़े व्यक्ति को IAS IPS बना कर ये सोचना कि देश अब अच्छे से चलेगा, ये तो कुछ ऐसा हुआ कि पढ़ाई में अच्छे लड़के को क्लास का मोनिटर बना कर सोचना कि पूरी क्लास अब बेहतर परफॉर्म करेगी !
घंटा!
उल्टे समाज को ज़रूरतमंद professional इंजीनयर और डॉक्टर से वंचित कर दिया,और कुछ नहीं ।
सांस्कृतिक इतिहास की कहानी ये बताती है कि अच्छे प्रजातंत्र में professional प्रधान होता है क्योंकि वो समाज की ज़रूरतों को पूरा करता है। न कि सरकारी मुलाज़िम, जो केवल प्रशासनिक कार्य देख रेख करता है। अच्छे लड़के को मोनिटर नियुक्त कर देने से बाकी छात्र अच्छे पेंटिंग अच्छे डांस, अच्छे गणित, या अच्छे जीवविज्ञान नहीं पढ़ने लग जाते हैं। उल्टे वो अच्छे बच्चा भी मोनिटर बन जाने पर पढ़ाई लिखाई और अपने कौशल से ध्यान भंग हो जाने से भटक जाता है।
कोई भी सरकारी मुलाज़िम कभी भी professional नहीं हो सकता है। professional सैदव market से कमाता है, अपनी सेवा या उत्पाद बेच कर। सरकारी मुलाज़िम की तरह जनता से जबरन जमा करवाये टैक्स में से तंख्वाह नहीं लेता है - एक सुरक्षित, निश्चित आय, जो कभी नहीं घटती हो - चाहे देश में सूखा पड़े, बाढ़ आ जाये, दंगे हो जाये या डकैती, लूटपाट और आगज़नी होती रहे!!
एक सरकारी मुलाज़िम को professional मान लेना, ये तो केवल उन्ही मूरखचंद समाजों में हो सकता है जहां की नदियों नालों के समाम गंदी होती है। कम अक्ल लोगों को पता ही नहीं होता है कि नदी क्या है, नाला क्या है, और क्यों दोनों को हमेशा अलग रखना चाहिए, कभी भी मिलने नहीं दिया जाना चाहिए।
Comments
Post a Comment