इलेक्शन फ्रॉड से निपटने में कुछ बौद्धिक आत्म ज्ञान रखना ज़रूरी है।

 इलेक्शन फ्रॉड से निपटने में कुछ बौद्धिक आत्म ज्ञान रखना ज़रूरी है। 

सर्वप्रथम ये, कि  evidence  तो अब कुछ भी जमने वाला नहीं है देश की किसी भी संस्था और न्यायालय में।  मगर जबजब जहाँ जहाँ फ्रॉड के चिन्ह(indicators, signs) दिखाई पड़ें. आरोप लगा कर विषय को कोर्ट में शिकायत करना ज़रूरी होगा, ताकि कम से कम close indicators तो बन सकें की इस देश में "शायद"  election  fraud  करके सरकार बनायीं और चलायी जा रही है। 

ये समझना ज़रूरी है की evidence  अलग चीज़ होते हैं, और closest  indicators  अलग।  कुछ विषयों के evidence होते ही नहीं है, और तब उनको close  indicators  से ही दर्शा करके बात को जनचेतना के हवाले छोड़ दिया जाता है कि वो खुद से तय कर ले सत्य क्या है। 

दुनिया वालों के पास में पर्याप्त बौद्धिक बल मौजूद है कि वो close indicators  को दर्शाये जाने पर खुद से बात पकड़ ले कि  आखिर चल क्या रहा है इस देश में।  

इसलिए evidence  के पीछे मत भागिए क्योंकि अब वो तो बचा ही नहीं है।  और न ही निरुत्साहित हो जाईये कि  अब अबकी बात कोई सुन नहीं रहा है, और न ही मानी जा रही है।  आप बस चुपचाप अपने कर्तव्य निभाते जाइये , एक जागरूक नागरिक होने के, और close indicators को दर्शाते जाइये दुनिया वालों को ।  

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