गदहे को hero कैसे साबित कर सकते हैं ?
भाई, भक्तों की तारीफ एक बात पर तो खुल कर करनी ही होगी।
कि उन्होंने गदहे को hero साबित कर देने का जो challenge लिया था, उसको पूरा करने के लिए क्या खूब रणनीतियां चलाई थी और अभी तक दो बार लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज़ कर चुके हैं।
आप शांत मन से और सभी विरोध विचारो को समाप्त करके उनकी रणनीतियों, उनकी चाल की समीक्षा करें कि कैसे किया उन्होंने गदहे को हीरो साबित।
गदहे के पारिवारिक इतिहास एकदम अमान्य था जिससे उनमे कुछ भी हीरो जैसा दिखाई पड़े। वह घर छोड़ कर भागा हुआ था, अपनी शादी के तथ्य को दुनिया से छिपाया हुआ था; वह कहीं किसी और स्त्री पर मुहँ मारी कर रहा था, वह स्कूली शिक्षा से महरूम रहा था, अनपढ़-गँवार था , और गुंडागर्दी, असामाजिक तौर-तरीकों में श्रेष्ठ ।
तो फिर कैसे साबित होता ऐसा परम नालायक गदहा, एक hero ?
रणनीति के अनुसार सबसे प्रथम तो उसके सबसे बड़े विपक्ष के नेता को पप्पू की छवि - perception - में trap कर देना था। रणनीति का सिद्धांत साफ-साफ है - जब आप अपनी खींची लकीर को लंबा नही कर सकते हैं, तो दूसरे की लकीर को ही मिटाने की कोशिश करो !! (उल्टी-खोपड़ी उद्देश्यों की रणनीतियां अक्सर करके कमर के नीचे हमला करने पर टिकती है। जो सही सिद्धांत होते है, उनके ठीक उल्टा...!)
तो विपक्ष के नेता को "पप्पू"की छवि में बांध देना इसलिए जरूरी था, की अगर जनमानस के मन मे कहीं भी तनिक भी कोई तुलना करि जाए तब यह गदहा ,गदहा ही साबित न हो जाये !
फिर, निरन्तर उन विषयों पर जनमानस को फँसाये रखना ज़रूरी था, जहां गदहा थोड़ा सा हीरो-गिरी कर सकता था।
जनमानस उसे सं 2002 के कारनामे में हीरो बना था। तब फिर बात साफ थी - कि कैसे भी करके हिन्दू-मुस्लिम मुद्दे को जनमानस के स्मृति पटल पर टिकाये रखना था। इससे ही गदहा heropanti करके एक हीरो साबित हो सकता था।
जनमानस उसे सं 2002 के कारनामे में हीरो बना था। तब फिर बात साफ थी - कि कैसे भी करके हिन्दू-मुस्लिम मुद्दे को जनमानस के स्मृति पटल पर टिकाये रखना था। इससे ही गदहा heropanti करके एक हीरो साबित हो सकता था।
फिर आगे की मुश्किल थी कि बाकी का राजपाठ कैसे चलता , शेर की खाल में गीदड़ को बैठाने से?
इसके लिए बाकी सभी मंत्रियों को भी गदहा बन कर रहने के निर्देश दे दिए गए। गदहे के सामने smart बनेंगे तो गदहा अपने ही लोगो से तुलना हो जाने से पकड़ में आ सकता था।
तो देश मे मूर्ख देश की व्यवस्था को लागू कर देना बड़ी कीमत थी गदहे को hero बनाने की। मगर यह ज़रूरी भी था। देश वैसे ही कौन सा सोन-चिरइया बना हुआ था ? अरे भई, अंधेर नगरी पहले से ही था, थोड़ा और घना अंधेरा ही करने की कीमत थी। दे दो कीमत- कम से कम challenge तो पूरा हो जाएगा।
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