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Showing posts from January, 2017

what could be the mission assignments of the BJP IT Cell ?

(from fb post dated 21st Jan 2017) अब कोई मैन्युअल तो लिखी नहीं है ,इसलिए खुदी से यह समझना पड़ेगा की बीजेपी ने अपनी IT Cell को क्या क्या जिम्मेदारियां दे रखी है। सबसे प्रथम यही है की ज्यों ही मोदी सरकार की किसी ...

non-linear logic में भारतिय न्यायालय

भारतिय न्यायालयों की भी यही आलोचना होती रही है। यहाँ कुछ भी साधारण तर्क की परिधि में नहीं होता है। कब किसको क्यों bail (जमानत) दी जाती है, क्यों जल्लितकट्टू पर प्रतिबन्ध लगता है, ...

समीक्षा : सिर्फ 57 भारतियों की सम्पदा बाकि नीचे से 70% जनसँख्या के बराबर है

कुछ् पुरानी उदघोषणाएं सच साबित होने लग गयी है। कुछ दशकों पहले एक डाक्यूमेंट्री सिनेमा zeitgeist (सजग और उत्सुक लोग youtube पर देखें) में बताया गया था कि कैसे दुनिया की सभी बुराइयों की जड़ इ...

दो मुँही समस्या है परिवारवाद

परिवार वाद में समस्या का दो तरफ़ा अंश है। इसलिए परिवार की समस्या से निजात किसी एक व्यक्ति के कंवारे होने से उनको वोट दे कर *नहीं ही* मिलने वाला है। परिवार वाद समस्या के दो तरफ़े ...

क्यों लबालब है भारतिय सामाजिक चेतना कुतर्क और कूट से

कभी कभी सोचता हूँ की भारतिय जनसँख्या में इतने कुतर्क और कूट (धोखा , भ्रम) आया कैसे । और जवाब में यही उत्तर मिलता है कि सदियों की ग़ुलामी और अथाह गरीबी से हमने खुद का मनोबल बनाये र...

syncreticism और विशेषण उपनाम - धार्मिक पंथ

हिन्दू प्रथाओं में आपसी विवाद के अंश बहुतायत है।इसे अंग्रेजी भाषा में syncreticism कहते हैं। मेरा मानना है की पश्चिमी विचारकों का हिन्दू पंथ को 'धार्मिक पंथ' कहने का आशय सारा यही नही...

आज़ादी चाहिए तो सबसे पहले गुलामी के आचरण और मूल्यों को चिन्हित कीजिये

किसको चाहिए आज़ादी और किससे ? भई, इंसान को कैद इंसान की मानसिकता ही रखती है। जब मानसिकता में मनोविकृति बन जाती है।  कैसे आई होंगी यह सब प्रकार की गुलामियां जिनसे आज़ादी के लिए ...

On the propagation of Bhakt mentality in India

How did so much illogical ness spread ? I often ponder that even while Indian culture is knowledge oriented, --the great vedic culture,- and imbibes so much spirituality in it yet how come we have so significant population of the Bhakt mentality people living amongst us. Because, if we are to have the right knowledge and an awakened conscience truly, the arguments of the Bhakt would not have been so much perverse, the language so much unruly and filled with arrogance. The unevenness of one's own logic - how could it escape the self-realised mind, i look at them with amazement. How is it that the marketing and advertising tactics work more than the real substance -- i seek to know. What has the spirituality done to our inner thoughts, or rather- what sort of spirituality it was , if at all there was any , that our political discourse is unable to follow up the Good Conscience . It is as if that the norms of Constitutionality and the Legality can be so casually allowed to look dif...

मुन्नार में मुद्रा बनाने की मशीन

केरल के मुन्नार जिले में पहाड़ी, ठण्ड क्षेत्र में चाय के बागान है। वहां आने वाले सैलानियों के लिए टाटा कंपनी ने एक चाय संग्रहालय (tea Museum) बनाया है। इस म्यूजियम के अंदर चाय की औद्यो...

Professionalism संस्कृति और पर्यटन पर इसके प्रभाव

(..continued from वर्तमान युग की संस्कृति का संक्षेप इतिहास) Professionalism Culture और पर्यटन पर इसके प्रभाव professionalism वाले इस दौर में पर्यटन के उद्देश्य भी अब दूसरे ही हो चले हैं। professionalism जो की अपने अभिप्रायों में श्र...

वर्तमान युग की संस्कृति का संक्षेप इतिहास

cultural scientists बताते है की वर्तमान की मानव सभ्यता अतीत की प्रोगऐतिहासिक दौर वाली सभ्यता की भांति किसी नदी की तलहटी पर बसी सभ्यता नहीं हैं। और न ही यह मध्यकालीन दौर वाली किसी समुन्दर क...