वर्तमान युग की संस्कृति का संक्षेप इतिहास

cultural scientists बताते है की वर्तमान की मानव सभ्यता अतीत की प्रोगऐतिहासिक दौर वाली सभ्यता की भांति किसी नदी की तलहटी पर बसी सभ्यता नहीं हैं। और न ही यह मध्यकालीन दौर वाली किसी समुन्दर किनारे बसने वाली, समुद्रीय जहाज़ों से व्यापार पर टिकी सभ्यता है। बल्कि यह 21वीं शताब्दी की सूचना युग वाली मरुभूमि सभ्यता है, जहाँ के महानगर किसी जलस्रोत- नदी या समुन्दर- से दूर बसने का जोखम ले सकते हैं  क्योंकि इस सभ्यता के मानव अपने अस्तितव के लिए मरुभूमि के एक उत्पाद खनिज तेल पर निर्भर रहते है।

सांस्कृतिक इतिहास के शोधकर्ता हमारी वर्तमान कालीन सभ्यता का आरम्भ अक्सर करके 16वि शताब्दी के इंग्लैंड और फ्रांस में घटी औद्योगिक क्रांति (industrial revolution) से मानते हैं। industry शब्द के अभिप्राय को large scale production से जोड़ कर देखते है, जब इंसान ने अपने गुज़र बसर के तरीके को व्यापार और व्यापरिकता से अधिक जोड़ लिया, तथा पुराने युग के तरीके -- किसानी , खेतीहरि और hunting (या शिकार) पर आश्रय करीब करीब समाप्त कर लिया।

industrial युग से सांस्कृतिक इतिहास के शोधकर्ताओं के और भी अभिप्राय होते हैं। industry शब्द का एक अभिप्राय यह भी है की इसमें उपभोक्तावाद(consumerism) है। यानि प्रत्येक व्यक्ति का जीवन आश्रय प्राप्त होता है दैनिक श्रम से किसी एक उत्पाद की रचना में जो की किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन आश्रय के लिए आवश्यक है।
इसका एक अर्थ यह भी है की वर्तमान सभ्यता पूर्ण स्वतंत्रता वाली सभ्यता बची ही नहीं है, क्योंकि इसमें आश्रित स्रोत की जीवन यापन पद्धति ही चलती है --व्यापार (यानि Trade) । इसमें पूर्ण स्वतंत्रता की जीवन यापन पद्धति -- किसानी और शिकार-- ही समाप्त हो चली है।
trade यानि वयापार की सबसे आवश्यक वस्तु है पैसा यानि मुद्रा। हम कुछ भी दैनिक श्रम करते है तो उसका उद्देश्य मुद्रा को अर्जित करने का होता है। हम, यानि हम सभी व्यक्ति ---प्रत्येक व्यक्ति। कुछ लोग सीधे तौर पर किसी पदार्थ का व्यापार करते है। दूसरे अन्य अपने श्रम के व्यापार पर निर्भर करते है। पदार्थ के व्यापारी merchants कहलाते हैं, और श्रम के व्यापारी labourers या professionals कहलाते है।

व्यापरिकता ही वर्तमान कालीन मानव सभ्यता का सार है।

व्यापरिकता के दूसरा अभिप्राय है खपतखोर वाद , यानि खानाबदोशी या consumerism । अब क्योंकि इस बड़ी आबादी को जीवन आश्रय के लिए तेज़ी से उत्पाद निर्मित करने पड़ते हैं,  इसके लिए वह तेज़ी से प्राकृतिक संसाधनों की खपत करता है।

Professionalism Culture और पर्यटन पर इसके प्रभाव

professionalism वाले इस दौर में पर्यटन के उद्देश्य भी अब दूसरे ही हो चले हैं।

professionalism जो की अपने अभिप्रायों में श्रम का large scale व्यापार लिए हुई है, इस सभ्यता की एक और महत्वपूर्ण निशानदेही है। यहाँ इंसानो की एक बहोत बड़ी आबादी व्यापारिक वस्तु के उत्पाद-- दैनिक श्रम-- पर आश्रित है और इसके वास्ते  "professional" के रूप में तब्दील हो चुकी है। professional का एक दूसरा अभिप्राय है , ऐसे व्यक्ति जो की स्वतंत्र चिंतन ,यानि liberal thoughts , के लिए समय नहीं रखते हैं।

(....contd)

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