न्याय एवं जन सुनवाई का महत्त्व

प्राकृतिक न्याय का एक महत्वपूर्ण सूत्र है -- जन सुनवाई | न्यायलय की सम्मान, उसका आदर इसी से बनता है की वह हर कृत्य निष्पक्ष करता है | मगर वह स्वयं कैसे प्रमाणित करता है की उसकी कार्यवाही निष्पक्ष है ??
 इस प्रश्न का उत्तर है -- जन सुनवाई (Public Hearing) |

 "नागरिक एवं राजनैतिक अधिकारों से सम्बंधित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिज्ञापत्र " (International Covenant on Civil and Political Rights) के अनुबंध १४ में यह प्रतिज्ञा रही है की सभी नागरिकों का अधिकार रहेगा की उन्हें एक जन सुनवाई प्रदान करवाई जाए -- जिससे की यदि उनके साथ न्यायायिक कार्यवाही के दौरान कोई त्रुटी अथवा कोई अन्याय हो रहा हो तब वह जन समुदाय से सहायता मांग सके | इस अनुबंध का सीधा अर्थ यह है की सभी किस्म की न्यायालय की कार्यवाही आम जनता के लिए खुली होनी ही चाहिए | मगर इसी अनुबंध १४ में यह भी बताया गया है की कोई भी न्यायालय किन किन हालात में सुनवाई को बंद दरवाज़े में कर सकता |

 Article 14 of the ICCPR (http://www.ohchr.org/en/professionalinterest/pages/ccpr.aspx)
1. All persons shall be equal before the courts and tribunals. In the determination of any criminal charge against him, or of his rights and obligations in a suit at law, everyone shall be entitled to a fair and public hearing by a competent, independent and impartial tribunal established by law. The press and the public may be excluded from all or part of a trial for reasons of morals, public order (ordre public) or national security in a democratic society, or when the interest of the private lives of the parties so requires, or to the extent strictly necessary in the opinion of the court in special circumstances where publicity would prejudice the interests of justice; but any judgement rendered in a criminal case or in a suit at law shall be made public except where the interest of juvenile persons otherwise requires or the proceedings concern matrimonial disputes or the guardianship of children.

 चतुर वकील (अधिवक्ता ) अक्सर कर के इसी अनुबंध को नियंत्रित करने के लिए अक्सर कर के न्यायलय से अपने मुवक्किल की इज्ज़त पर खतरा का वास्ता दे कर कार्यवाही को जन-सुनवाई से रोकते है | भारत जैसे देश में जहाँ की भ्रष्टाचार बहोत ही चरम पर होता है , वहां यह कदम बहुत ही महत्वपूर्ण होता है की जनता की नज़रों से अन्दर की लेन -देन को छिपाया जा सके | विदेशों में न्यायालयों ने अंदरूनी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालयों की कार्यवाही का टीवी पर सीधा प्रसारण की सुविधा भी चालू करी है | नीचे दिए गए कुछ वेब लिंक है जहाँ की कोर्ट की कार्यवाही का सीधा प्रसारण देखा जा सकता है | http://news.sky.com/info/supreme-court
http://www.bbc.co.uk/news/uk-24756186

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