Socialism-critic से Socialism-bashing भिन्न करना सीखें
इस तथ्य पर जितना ज़ोर दिया जाये उतना कम पड़ता है कि 'वामपंथ' (leftist) एक विशेषण संज्ञा(adjective-noun) होती है, यह कोई विचाधारा का व्यक्तिवाचक संज्ञा(proper noun) नाम नही है।
वामपंथ नाम से किसी भी विचारधारा का नाम नही है। जो है वह साम्यवाद है, और समाजवाद है।
साम्यवाद (Communism) , यानी वर्गहीन समुदाय के लिए सामाजिक व्यवस्था का सिद्धांत।
और समाजवाद(Socialism) में वर्गहीन होने पर ज़ोर नही दिया जाता है, बाकी सामाजिक व्यवस्था के सिद्धांत का पालन करने के प्रयास होते हैं।
अन्तर सूक्ष्म है मगर फिर भी प्रधान है। society और community के बीच आप को अपने बौद्धिक ज्ञान से जितने अंतर समझ आएंगे, उतना बेहतर आप साम्यवाद और समाजवाद की भिन्न कर सकेंगे। और फ़िर शायद यह भी समझ जाएं की कुल मिला कर दोनों करीब करीब बस species से भिन्न है, वरना तो एक ही genus के विचार है।
और इस genus के विपरीत होता है प्रजातंत्र यानी democracy।
अब एक और महत्वपूर्व ज्ञान। कि हमारे देश में चल रहे संवाद में बहोत बड़ा भ्रम और कुतर्क छिपा हुआ है समाजवाद(/या साम्यवाद) विषय को वामपंथ नाम से संबोधित करते हुए , वामपंथ के विरोध के प्रति। वह यह है की वामपंथ-विरोध के दौरान हमारे देशवासी socialism-criticism के अलावा socialism-bashing के काम पर भी चालू है, क्योंकि बहोत सारे लोगों के पास लिखने के लिये कलम है, मगर चिंतन के लिए आवश्यक बुद्धि नही है। लोग socialism के critic होने के भ्रम में एक आवश्यक जनकल्याण (public welfare) को भी धिक्कार दे रहे है। और तब वह लोग अनजाने में socialism-bashing करते हुए न सिर्फ democracy को विफल करने की हिमायत कर रहे हैं, बल्कि खुद अपने पैरों पर भी कुल्हाड़ी मार रहे हैं - capitalism और fedualistic शोषण का स्वागत करने की हद्दों पर पहुंच जा रहे हैं।
Socialism-Critic होना अलग है Socialism-bashing करने से। आप दिल्ली की मुफ़्त जीवन आवश्यक सुविधाओं की आलोचना करने में socialism bashing कर रहे हैं, criticism नही। आखिर यह तो democracy के welfare state की सफलता के लिए भी जरूरी है की इंसान एक निश्चित आय सीमा के नीचे नही गिरने पाएं जहां उन्हें जीवन आवश्यक भोजन, चिकित्सा, निवास, और स्वच्छ पेयजल/वायु अन-उपलब्ध हो जाये।
तो फिर मात्र socialism की आलोचना की आड़ में दिल्ली सरकार की सफलता को धिक्कार दे कर वास्तव में socialism bashing कर रहे है।
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