दिल्ली विधानसभा चुनाव और booth manage करने की युक्तियाँ
दिल्ली की विधानसभा चुनावों के नतीज़े अभी कल यानि ११ फ़रवरी को आने बाकि हैं। मगर फिलहाल राजनीती इस बात पर गरम है की क्या भाजपा ने दिल्ली चुनावों में सफलपूर्वक bogus वोटिंग करवा ले है। मनोज तिवारी के confidence को देख कर लोगों को शक होने लगा है की लगता है इस बार भाजपा ने सफलता पूर्वक bogus vote डलवा दिए है। भाजपा पक्ष का लगातार दावा यह आ रहा है की दोपहर क़रीब साढ़े तीन बजे (03 30 pm ) के बाद से उनके पक्ष में धड़ल्ले से वोट पड़े हैं।
संदेह की बात यह रही है की चुनाव आयोग ने चुनावों के ख़त्म हो जाने के बहोत बाद में तक मतदाता प्रतिशत (turn out ) के अंतिम आकंड़े जारी नहीं किये थे, जो की पुराने चुनावों से असामान्य व्यवहार था। अरविन्द केजरीवाल जी ने इस विषय पर tweet करके टिपण्णी भी करि थी।
जबकि चुनाव वाले दिन पूरे दिन की ताज़ा खबरों में यह ही कहा जा रहा था की इस बार दिल्ली वालों ने उत्साह नहीं दिखाया है , और लगता है की पिछली बार से कम मतदान हुआ है, मगर अंत में जब चुनाव आयोग ने विलम्ब करने के पश्चात आकंड़े दिए है तो आश्चर्यजनक तौर पर कुल मतदान पिछले चुनावो से ज्यादा हो गया था !!!
सवाल और संदेह यह हो रहा है की क्या भाजपा वालों ने सुबह से लेकर 0330 pm बजे तक मतदान में अडंगा लगवाते हुए धीरे मतदान करवाया ताकि आआपा या किसी अन्य के पक्ष वाले वोट कम पड़ें। और फिर पहले से तैयार अपने लोगों के काफ़िलो को भेज कर यकायक अपने पक्ष में अधिक मतदान करवा लिया है।
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