भक्तों का राष्ट्र

नीति से न्याय मिलता है, न्याय से समाज। और समाज से राष्ट्र
सीधे राष्ट्र की बात करते हैं, और संविधान का पालन नही करते हैं,
पुलिस आपकी सीधा सीधा पक्षपात करती दिखाई पड़ रही है - jnu के हमलावर ढूंढे नही मिल रहे हैं, और कपिल की आआपा की सदस्यता तुरन्त मिल जाती है पुलिस को...
यही है न आपका "राष्ट्र"... पक्षपात, भेदभाव, अपने-पराये करने वाली पुलिस और पक्षपाती न्याय होता है जहां !

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