भक्त Zombies बनाने का फार्मूला

Photoshop कृत तस्वीरों , वीडियो के फैलाने का एक फायदा मिलता है अराजकता वादी कूटनीति में,
कि आम आदमी झूठी तस्वीरों , प्रपंचों को सच मान कर शेयर करने की गलती करने के बाद अपनी अक्ल से भरोसा ही खो बैठेगा कि पता ही नही क्या सच है, और क्या झूठ। वह प्रचंड अविश्वास वाली मनोस्थिति में आ जाता है।
और फिर घोर अविश्वास से ग्रस्त इंसान , जब सत्य ज्ञान/सूचना के केंद्र को खो चुका होता है, तब वह सच और झूठ को पहचानने के विषय मे किसी छोटे बच्चे की तरह हो जाता है। यानी, जो उसके peer यानी यार-दोस्त सच मानते होंगे, वह भी उनके पीछे-पीछे उसी को सच मानेगा, और झूठ मानेगा।

बस।
तो अब इंसान तैयार कर दिया जाता है *भक्त* "zombie" बनाये जाने के लिए।

किसी राजनैतिक दल को इंसानों को *भक्त* बनाना एक दूर की युक्ति ही है, सोचा जाए तो। इसके लिए  IT Cell के टीम जानबूझकर झूठी तस्वीरों बनाती है, और जानबूझकर खुलासा भी करती हैं कि यह तो झूठी तस्वीर थी। यह दोनों कृत्य मिल कर ही इंसानी दिमाग के आसपास भ्रम का वह व्यूह बनाते है , वह माहौल बनाते हैं कि आम आदमी अपना चैतन्य प्रयोग करना ही खुद ही बंद कर देता है। और तब वह खुद ही *भक्त* 'zombie' बनने की राह पर चल पड़ता है।

जो सत्य के अन्वेषण के प्रयास भी छोड़ दे, वही तो होता है *भक्त* ।

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