स्वतंत्र अभिव्यक्ति , समाज में बढ़ती मनोविकृति और Liberal Schools

भारत मे बढ़ती मनोविकृति का एक कारण है कि हमारे प्रजातन्त्र में liberal schools नही है।
वैसे तो शिक्षा पर जोर सभी किस्म के राजनैतिक तंत्र देते आये है, चाहे साम्यवाद हो, या फिर समाजवाद।मगर प्रजातन्त्र एक खास किस्म की शिक्षा पद्धति पर टिकते है। वह है liberal schools। इनके बिना कोई भी प्रजातन्त्र कुछ ही समय में मूर्खिस्तान और पागलों , मनोविकृत लोगो की तानाशाही में तब्दील हो जाते हैं।
प्रजातन्त्र की खास पहचान है अभूतपूर्व  स्वतंत्रता -- अभिव्यक्ति की। अनियंत्रित अभिव्यक्ति से पागलपन या मनोविकृति का निकलना सहज और स्वाभाविक ही है।
तो उसे रोकने का एक समाधान यही है कि प्रजातन्त्र देशो में उच्च प्रतिस्पर्धा से जड़े, नायाब liberal schools होने चाहिए जो कि समाज की अंतरात्मा को भ्रष्ट होने से रोक सकें।
वरना फिर यह तो होता ही रहेगा -- रुपया गिरा नही, डॉलर मजबूत हुआ है,
121 राफ़ाएल विमान कम होते हैं 36 राफ़ाएल विमान से, मल्ल्या भागा इसलिए है क्योंकि वह इस सरकार से डरता है, मैं मल्ल्या से नहीं मिला था, वह मुझसे मिला था  और एनकाउंटर सही हुआ है क्योंकि पुलिस के भय के बिना समाज को चलाया ही नही जा सकता है
और दूसरा कारण की मनोविकृति बढ़ रही है कि अब IT cells और बिकाऊ मीडिया perception war के पायेदे बने विकृत नज़रिए को आसानी से बिना रोक टोक या किसी प्रतिस्पर्धा के प्रसारित कर रहे हैं।

Comments

Popular posts from this blog

क्या वैज्ञानिक सम्बन्ध होता है खराब राजनीतिक माहौल और विभित्स rape प्रकरणों के बीच में

Vedic Sholks have wisdom to speak "diplomatically" , the glorified name for speaking lies.

गहरी बातें क्या होती है