सर्व-सम्मति का फैसला -बनाम- प्रजातांत्रिक फैसला

प्रजातान्त्रिक फैसले लिए कैसे जाते हैं ? क्या योग्यताएं और क्या सीमाएं होती है किसी भी प्रजातान्त्रिक फैसले की ? क्या यह आवश्यक है की प्रजातान्त्रिक फैसले को सभी के अनुरूप , और सभी के द्वारा मान्य करवाया जाये । यदि हाँ, तब एक सर्व-सम्मति का फैसला और एक प्रजातांत्रिक फैसला में क्या अंतर है ? और यदि नहीं , तब किसी भी प्रजातान्त्रिक फैसले में जिन लोगों की सम्मति नहीं प्राप्त हुई थी , उन लोगों का प्रजातान्त्रिक फैसले पर क्या नजरिया होना चाहिए ? क्या ऐसी किसी परिस्थिति में लिए गए फैसले पर यह आरोप लगाना उचित होगा की "बंद कमरे में लिए फैसले को प्रजातान्त्रिक जामा पहनाने की कोशिश करी जा रही है " ?
हाँ या फिर ना , जो भी , प्रश्न यह है की फैसले के "प्रजातान्त्रिक" होने के मानदंड क्या होना चाहिए ? क्या इतना मानदंड परिपूर्ण नहीं है की प्रक्रिया 'प्रजातान्त्रिक' थी । यानि फैसले में सभी के मतों को पूछा गया था । मत से पहले एक बहस हुयी थी , एक शास्त्रार्थ हुआ था , और फिर मत विभाजन । क्या यह क्रियाएं काफी नहीं है , मानदंड को पूरा करने के लिए ?

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