भारत की दस प्रमुख समस्याएं और मौजूदा में उपलब्ध उनके चार निवारण
(मूल रचना किसी अज्ञात व्यक्ति की )
भारत की दस प्रमुख समस्याएं और मौजूदा में उपलब्ध उनके चार निवारण
भारत की दस प्रमुख समस्याएँ हैं :
१) गरीबी
२) अशिक्षा / अज्ञानता
३) भ्रस्टाचार
४) योग्यता विहीन व्यक्तियों को उच्च निर्णय पदों पर आसीन करना ( Cronyism, इसे जातिवाद , परिवार-वाद नाम से भी जाना जाता है )
५) महिलाओं और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार
६) अनुचित/अयोग्य अनुसरणिय नायक , या फिर वास्तविक जीवन में नायकों का आभाव ( अनुचित/अयोग्य नायक जैसे की राजनीतिग्य , फिल्मी सितारे , साधू/ मौलवी इत्यादि , सफेदपोश अपराधिक तत्त्व)
७) अंतर -समाज/ सांप्रदायिक / अंतर-जाती विवाद
८) मूल्यों का पतन (हमारा आचरण- अपने घरों में , घरों के बाहर, अपने बच्चों को मूल्यों के प्रति जागृति )
९) अटपटे कर्मकांडी प्रथाएं - सभी मजहब और पन्थो में ,
१०) वास्तविक प्रजातंत्र का अभाव - कुछ परिवारों द्वारा देश की राजनीत पर काबिज़ हो जाना |
इन सभी १० समस्याओं के मौजूदा में उपलब्ध ४ निवारण
१) हर एक चुनाव में वोट दीजिये , चुनाव के प्रति उदासीन न रहिये । साफ़ प्रत्याशी को वोट दीजिये ; पार्टी के नाम पर प्रत्याशी को वोट मत दीजिये ।
२) वोट उन प्रत्याशियों को मत दीजिये जो दो बार से ज्यादा, या आठ साल से ज्यादा आपका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं ।
३) अपनी शिक्षा और ज्ञान का प्रयोग करें -- समाज में मौजूद अवधारणाओं को ख़त्म करें । देश और समाज को जो आवश्यक है वह मात्र एक संवेदनशील , मानव ह्रदय है ।
४) दुर्व्यवहारों को समाज में उजागर करिए । राजनीतिज्ञों के, उच्च पदाधिकारियों के , प्रसिद्द लोग, सेलिब्रिटी , पैसेवाले अमीरों के , साधुओं और मुल्लाहों के ,-- और इनकी संतानों के, -- गुप्प-चुप्प में किये गए खराब व्यवहार को विडियो , ऑडियो , अख़बार के लेख , सोशल नेटवर्किंग , इन सब से बेनकाब करिए ।
भारत की दस प्रमुख समस्याएं और मौजूदा में उपलब्ध उनके चार निवारण
भारत की दस प्रमुख समस्याएँ हैं :
१) गरीबी
२) अशिक्षा / अज्ञानता
३) भ्रस्टाचार
४) योग्यता विहीन व्यक्तियों को उच्च निर्णय पदों पर आसीन करना ( Cronyism, इसे जातिवाद , परिवार-वाद नाम से भी जाना जाता है )
५) महिलाओं और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार
६) अनुचित/अयोग्य अनुसरणिय नायक , या फिर वास्तविक जीवन में नायकों का आभाव ( अनुचित/अयोग्य नायक जैसे की राजनीतिग्य , फिल्मी सितारे , साधू/ मौलवी इत्यादि , सफेदपोश अपराधिक तत्त्व)
७) अंतर -समाज/ सांप्रदायिक / अंतर-जाती विवाद
८) मूल्यों का पतन (हमारा आचरण- अपने घरों में , घरों के बाहर, अपने बच्चों को मूल्यों के प्रति जागृति )
९) अटपटे कर्मकांडी प्रथाएं - सभी मजहब और पन्थो में ,
१०) वास्तविक प्रजातंत्र का अभाव - कुछ परिवारों द्वारा देश की राजनीत पर काबिज़ हो जाना |
इन सभी १० समस्याओं के मौजूदा में उपलब्ध ४ निवारण
१) हर एक चुनाव में वोट दीजिये , चुनाव के प्रति उदासीन न रहिये । साफ़ प्रत्याशी को वोट दीजिये ; पार्टी के नाम पर प्रत्याशी को वोट मत दीजिये ।
२) वोट उन प्रत्याशियों को मत दीजिये जो दो बार से ज्यादा, या आठ साल से ज्यादा आपका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं ।
३) अपनी शिक्षा और ज्ञान का प्रयोग करें -- समाज में मौजूद अवधारणाओं को ख़त्म करें । देश और समाज को जो आवश्यक है वह मात्र एक संवेदनशील , मानव ह्रदय है ।
४) दुर्व्यवहारों को समाज में उजागर करिए । राजनीतिज्ञों के, उच्च पदाधिकारियों के , प्रसिद्द लोग, सेलिब्रिटी , पैसेवाले अमीरों के , साधुओं और मुल्लाहों के ,-- और इनकी संतानों के, -- गुप्प-चुप्प में किये गए खराब व्यवहार को विडियो , ऑडियो , अख़बार के लेख , सोशल नेटवर्किंग , इन सब से बेनकाब करिए ।
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