#भारत की मनोरोगी प्रथाएं और संस्कृति

 भक्त गण sadistic pleasure लेने वाले psychopath हैं। 

इंदौर में पुलिस द्वारा हिरासत में लिए comedian मुन्नवर फ़ारूक़ी को आरोप के कोई भी सबूत नहीं होने के बावज़ूद कैद करके जेल में रखे जाने की घटना से भक्तगण उसके संग हुए अन्याय के प्रति रुष्ट नहीं है, बल्कि आनंद निकाल रहे हैं कि comedian ने कैसे #CAA कानून  के प्रति अपना विरोध दिखाया था।

मनोचिकित्सा विज्ञान में इसे sadistic pleasure लेना माना गया है, जब एक इंसान कि संवेदनशीलता किसी अन्य के संग हुए अन्याय के प्रति नही हो कर, किसी अन्य कारण से अन्याय के पलों में आनंद लेने की हो जाती है। यह एक मनोरोगी होने के लक्षण होते हैं।

कल्पना करिये की जिस प्रकार एक अन्यायी कानून से आज हम सबके सामने मुसलमानों को जबर्दस्ती उनके कागज़ दिखाने के लिए मज़बूर किया जा रहा है, और फ़िर असम्बद्ध आरोप लगा कर प्रताड़ित करके sadistic pleasure ले रहे हैं, 

तब फ़िर अतीत में दलितों और पिछड़ों को कैसे असम्बद्ध कारणों से कुँए से पानी लेने, स्कूलों में विद्यालयों में प्रवेश पर पाबंदी, इत्यादि करके अन्याय के प्रति संवेदनशीलता नही रख कर उल्टे sadistic pleasure लिए गये होंगे !

#भारत की मनोरोगी प्रथाएं और संस्कृति

Comments

Popular posts from this blog

About the psychological, cutural and the technological impacts of the music songs

विधि (Laws ) और प्रथाओं (Customs ) के बीच का सम्बन्ध

गरीब की गरीबी , सेंसेक्स और मुद्रा बाज़ार