प्लूटो ग्रह की समीप यात्रा

शासन शक्ति प्राप्त करने के लिए करी जाने वाली कुटिल प्रतिस्पर्धा  और अंतरिक्ष अनुसन्धान के मध्य एक समानता यह है की दोनों ही कार्य सम्पूर्ण अज्ञानता में आरम्भ करे जाते हैं।
   प्लूटो गृह की मानव निर्मित यान द्वारा प्रथम समीप-यात्रा के दौरान एक बार फिर मनुष्य जाती ने अपनी अज्ञानत का बोध किया है। विशाल ब्रह्माण्ड में आज भी करीब करीब सारे ही छोर हमारे लिए अज्ञात और अचम्भे से भरे हुए हैं।
  किसी भी अंतरिक्ष अनुसन्धान की नीव सर्वप्रथम किसी भी रोचक तथ्य के दृष्टिमान होने से होती है। उसके पश्चात, अपने द्वितीय कदम में अनुसंधानकर्ता उस रोचक तथ्य के इर्द गिर की तमाम अन्य जानकारियों को एकत्र करके हैं। इसके लिए वह अपने पास उपलब्ध तमाम वैज्ञानिक उपकरणों का प्रयोग करते हैं। जैसे की उस रोचक विषय वस्तु की तापमान ऊर्जा त्वरित कैमरों के द्वारा तसवीरें उतारना, सूक्षम कर्ण यंत्रों द्वारा उस विषय वस्तु के निर्माण तत्वों का ब्यौरा तैयार करना, उस विषय वस्तु की प्रचुरता को भूमंडल में तलाशना, उस विषय वस्तु से मिलते जुलते अन्य वस्तुओं का ख़ाका तैयार करना, यहां धरती पर उससे मिलते जुलते दृश्यों का एक ब्यौरा तैयार करना, इत्यादि।
   इसके बाद अपने तृतीय कदम में अनुसंधानकर्ता कई सरे काल्पनिक सिद्धांत, अनेक प्रत्यय ,यानि Hypothesis , को निर्मित करते हैं की वह विषय वस्तु किस किन संभावित कारणों से हो सकती है। यहाँ प्रत्येक वैज्ञानिक का अपना एक प्रत्यय हो सकता है , जो की वैज्ञानिक टीम के हर एक सदस्य से पूरी तरह भिन्न हो सकता है। हर कोई अनुसंधानकर्ता किसी गोष्ठी के द्वारा अपने अपने प्रत्यय को सभी सदस्यों के साथ सांझाँ करता है। इसके लिए यह लोग कई सारी प्रतिष्ठित मगज़ीनें, प्रकाशन, पत्रिकाएं, और यहाँ तक की समाचार पत्रों का भी उपयोग करते हैं।
   इसके दौरान वैज्ञानिक समूह आपसी वाद-विवाद, विचार विमर्श में सम्भावना-इंकार पद्धति के द्वारा कई सारी निम्म-संभव प्रत्ययों को खारिज कर देता है, और सिर्फ उच्च-संभव प्रत्ययों की आगे के अनुसन्धान और पुष्टि के लिए स्वीकृत करा जाता है।
    चतुर्थ कदम में, अनुसन्धान के भविष्य के उपकरण, प्रयोगशाला मॉडल जांच, नए सेंसरों का निर्माण इन्ही प्रत्ययों की पुष्टि करने के मद्देनज़र करा जाता है।

   वर्तमान काल में अंतरिक्ष अनुसन्धान का कार्य मानव बुद्धि के प्रयोग का सर्वोच्च चुनौती शिखर प्रदान करता है। अंतरिक्ष अनुसन्धान में कला, विज्ञान, मानवता, और जितने भी अन्य विषयों को आप सोच सकते हैं, सभी का उपयोग होता है। फिलहाल यह क्षेत्र आपसी कूटनीति से मुक्त कार्य भूमि है।

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