What happens to the EVM issue if the LS2019 results in change of government at centre ?

यदि लोकसभा 2019 के परिणामों में मोदी जी हार जाते है और कांग्रेस आ जाती है, तब भी लोग evm से शंकमुक्त नही होने वाले है।

लोग भले मूक हो जाये, मगर शंका मुक्त नही होंगे। कारण rational thinking की काबलियत से जुड़ते हैं। rational thinking बताती रहेगी कि खतरा बस समय भर के लिए टला है, उसकी घड़ी खत्म नही हुई है।

बस, खुदा न खैर भाजपा वाले विपक्ष में आते ही evm की आशंकाओं को हवा देने में दिलचस्पी दिखाने लग जाएं ! मामला रोचक हो जाएगा, और नतीज़ों में वापस क्षेत्रीय दल मजबूत होने लगेंगे, और वापस केंद्र की कांग्रेस मनमोहन सिंह युग की कमज़ोरी में चली जायेगी, और फिर भ्रष्टचार की प्रचंड आंधी आएगी, जब सभी गठबंधन दल नोंच-नोंच कर गिद्ध की तरह सरकारी खजाने में से अपना हिस्सा खा रहे होंगे।

EVM की आशंका को फिर भाजपा तो कहीं भुनाने में नही निकल पड़ेगी? EVM की शंका लंबे समय तक अटकलें गर्म करके जनमानस को तेज़ झोंको में कभी इधर तो कभी उधर हिलाती डुलाती रहने वाली है। EVM हर बार अपने आप में एक गुप्त चुनावी मुद्दा तैयार कर देगी।

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