भ्रष्टाचार-विरोधी का विरोध करने की युक्तियाँ
(दो-तीन वर्षों से चल रहे इस भ्रष्टाचार विरोध की मुहीम को देखते हुए कुछ सबक लेनी की सोची।। नीचे इन्ही सबक से रचित एक अध्याय है।)
प्रत्यक्ष विचार है की कोई भी व्यक्ति खुद को भ्रष्टाचार का सयोजक, तरफदार नहीं दिखाना चाहेगा। मगर फिर ऐसे में किसी भ्रष्टाचार विरोधी का सामना कैसे करेगा?
कुछ युक्तियाँ अभी भी है भ्रष्टाचार-विरोधियां का विरोध करने की :-
फार्मूला नंबर 1
1) उनका उपहास बनाओं।
जैसे की " अबे ओ, राजा हरिश्चंद्र की औलाद", " बस तुम ही तो ठहरे दुनिया के अकेले ईमानदार", " हमें तुमसे अपनी ईमानदारी के सर्टिफिकेटे की ज़रुरत नहीं है"
फार्मूला नंबर 2
2) ईमानदारी को पराजय का पर्याय दिखाओ
जनता में ईमानदारी के नुकसान और पराजय के विचार को प्रसारित करवाओ। फिल्में इत्यादि इस काम को बहुत ही धूर्त चपलता से प्रस्तुत करती है।फिल्मों में यदि अंत में ईमानदार की जय दिखाई भी जाती है तो तब वह किसी असंभवि, चमत्कारी, सुपरमैन, फौलादी शक्ति से प्राप्त करी हुयी दिखाई गयी होती है। इससे जनता में जो छवि, सन्देश जाता है वह यह की वास्तव ज़िन्दगी में तो ऐसा संभव नहीं है, इसलिए वास्तव जीवन में जीत हमेशा भ्रष्ट की ही होती है।
नतीज़तन, लोग स्वाभाविक तौर पर भ्रष्ट के प्रति आकर्षित होते है, तुरत नतमस्तक हो जाते है।
फार्मूला नंबर 3
3) ईमानदार को मूढ़, सीधा साधा, अयोग्य, बुद्धू, बुद्धि तीव्रता-हीन साबित करो।
आम जनता में अनैतिक, दुर्गुण, और अवैध में भेद कर सकने की अकल नहीं होती है। प्रत्येक भ्रष्टाचार-विरोधी को या तो मूढ़ साबित कर दो, या फिर की, वह भी किसी न किसी रूप में कुछ न कुछ अनैतिक, गुपचुप भ्रष्टाचार करता है। यानि की, वह भी एक पाखंडी है। या यह की,- वह अयोग्यता से भरा हुआ है, इसलिए अपनी असफलताओं को आफिस के भ्रष्टाचार का परिणाम बता रहा है।
फार्मूला नंबर 4
4) ईमानदारी के साथ यातना के सभी कानूनों को उस भ्रष्टाचार-विरोधी पर ही लागू कर के उसे परोक्ष रूप में प्रताड़ित करो।
किसी भी व्यक्ति के लिए कानूनों का इकतरफा प्रयोग , यानि धूर्तता, को जन संज्ञान में पहुचना ज़्यादा मुश्किल होता है। वह एकतरफा कानून की प्रताड़ना का आसानी से विरोध नहीं कर पायेगा क्योंकि उसके लिए सब कुछ यथा-नियम ही किया जा रहा होगा, मगर उसको अप्रत्यक्ष हानि और अपमान भी हो रहा होगा, क्योंकि उसके विरोधी सभी नियमो को तोड़ मोड़ कर, भ्रष्टाचार से प्रमाणों को नष्ट करवा कर, फिर भी आरामदायक और सफल जीवन यापन कर रहे होंगे।
भ्रष्टाचार विरोधी खुद ब खुद अपने परिवार को अपनी असफलता को समझा न सकने पर कमज़ोर होकर टूट जायेगा। इससे समाज में भी ईमानदारी की कड़ी कीमत का सन्देश जायेगा।
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