Dynasticism is in itself not a problem, the problem is stagnant powers.

अगर आप परिवारवाद (वंशवाद) के ही विरुद्ध है तब आप कोई समझदारी नहीं कर रहे हैं। आखिरकार परिवारवाद नेत्रित्व हस्तांतरण की समस्या का सबसे प्रचुर और सरल पद्धति है जो दुनिया भर में प्रयोग करी जाती है।
   चाहे आप ब्रिटिश साम्राज्य को देखें जहाँ की आज भी शाही राजघराना परिवारवाद के द्वारा ही चल रहा है, या कि अमेरिका के अमीर बैंक उद्योगी। सब के सब परिवार पर ही चल रहे हैं।
   मूल समस्या जिससे जनता परेशान होती है वह है शासन शक्ति का स्थाईकरण। शासन शक्ति किसी एक व्यक्ति या परिवार में जा कर अहंकार लाती है। यह अभिशाप बन जाती है। भारत में हिन्दू धर्म में घटी जात वादी प्रथा परिवारवाद से उत्पन्न हुयी सबसे बड़ी ऐतिहासिक त्रासदी है। जातिवाद ने एक परिवार वंशियों का समाज में अधिक ऊपर का दर्ज़ा दे दिया और दूसरे को अछूत और मानव जन्म के अधिकारों से ही वंचित कर दिया था।
   परिवारवाद समाज में व्यक्तिगत प्रगति की प्रेरणा को नष्ट कर रहा होता है। यह सक्षमता पर अंकुश लगा देता है।
  बस यही वह समस्या है जिसका निवारण करना आवश्यक है। अन्यथा परिवार ही इंसान को प्रगति करने की प्रेरणा भी देता है।
आख़िरकार, आदमी कमाता किसके लिए है ?? परिवार के लिए ही तो ।
     परिवारवाद को शासन शक्ति पर हावी होने से रोकना ही परिवारवाद विरोधियाँ का उद्देश्य होना चाहिए,न की परिवारवाद का सम्पूर्ण समापन। परिवारवाद आखिर में नेतृत्व की समस्या का समाधान भी तो है। और इंसान को प्रगति करने की प्रेरणा भी।
   

Comments

Popular posts from this blog

क्या वैज्ञानिक सम्बन्ध होता है खराब राजनीतिक माहौल और विभित्स rape प्रकरणों के बीच में

Why do the poor people like, admire and observe the politics with so much enthusiasm

राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ और उनकी घातक मानसिकता