क्या हैसियत होनी चाहिए एक दहाड़ी वाले मजदूर की ? क्या यह ५ साल की बच्ची के साथ दुराचार एक निचले तपके में घटी एक घटना मात्र है या यह एक असली सूचक है हमारी राजनीतिक व्यवस्था , प्रजातंत्र , और अंततः हमारी अर्थव्यवस्था का , भले ही सेंसेक्स का सूचकांक कितनो ही ऊपर क्यों न उछाल ले ले ? दिल्ली पुलिस के कुछ लोग मानते है की वह हर एक ३०-४० सदस्यी मजदूरी कर के जीवन जीने वाले परिवार पर नज़र नहीं रख सकते की किसकी मानसिक स्थिति क्या है, कौन व्यक्ति क्या अपराधिक विचार सजों रहा है । सही है , अर्थव्यवस्था प्रजातंत्र नाम की राजनैतिक व्यवस्था का पैमाना होता है । और अर्थव्यवस्था के मौजूदा युग में पैमाना है देश का GDB , और मुद्रा बाज़ार में सेंसेक्स का विस्तार । यह सूचकांक यह दर्शाता है, (एक लक्षण के तौर पर , प्रमाण के तौर पर नहीं ), की देश में कितना व्यवसाय , कितना कारोबार हो रहा है । इसके आगे का दृष्टिकोण, और theory कुछ यूँ है कि -- जितना अधिक कारोबार होगा , उतना अधिक लोगों की आय होगी और उतना अधिक देश समृद्ध होगा । मगर जैसा के कहा , यह सूचकांक महज़ एक सूचकाँ होता है , कोई ठोस प्रमाण नहीं । यानि अ
Comments
Post a Comment