विधि (Laws ) और प्रथाओं (Customs ) के बीच का सम्बन्ध
विधि (Laws ) और प्रथाओं (Customs ) के बीच का सम्बन्ध (हिंदी भाषा में सीधा अनुवाद http://rebirthofreason.com/Articles/Perigo/Law_vs_Custom.shtml ) अपने एक उत्कृष्ट निबंध , " अभी पूर्ण न्याय नहीं हुआ है " ( " Not Enough Justice ") में लेखक जो राओलैंड निष्-भाव दार्शानियों को अक्सर दी जाती विधि और कानून सम्बन्धी उस चुनौती पर प्रकाश डालते है जिसमे की कुछ इस तरह की विवाद आते है जिसमे कोई कानून का उलंघन तो नहीं हुआ होता है मगर अन्याय ज़रूर हुआ होता है, जिसमे की उदहारण आता है : किसी पशु पर की जाने वाला अमानवीय व्यवहार; या , किसी माता-पिता द्वारा अपनी संतान को शिक्षित न करने का निर्णय; या एक बॉयफ्रेंड जो की अपनी प्रेमिका को भावनात्क्मक तौर पर पीड़ित करता है ; या , एक पत्नी जो सिर्फ घास-पात का पका भोजन ही परोसती है / इन सभी क्रियाओं में किसी विधि का उलंघन नहीं है, मगर एक किस्म का अन्याय होता है / किसी फुरसत के विचारों जब इस उदाहरण पर गौर करे जिसमे एक पत्नी सिर्फ घास-पात वाला भोजन ही परोसती है , तो यह खास ध्याने देने का विचार है की किसी को घास पात
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