Politicians और Historians की दुश्मनी उतनी ही स्वाभाविक होती है जितना ऊंट और हाथी की
Politicians की Historians (इतिहासकारों) से विशेष दुश्मनी होती है। कपटनीतिज्ञ नेताओं की तो कुछ ज्यादा ही खास
शायद इसलिए क्योंकि कपाटनीतिज्ञ नेता की चाहत रहती है कि जनता पिछली बातों को भुलाती रहे। ताकि कपाटनीतिज्ञ को मौके के अनुसार पलटी मारते रहने की सुविधा मिलती रहे। कोई भी आम व्यक्ति उसके दोगलेपन, दूतरफा कर्मों को आसानी से पकड़ नहीं पाए, और सवाल नहीं करे।
और इतिहासकारों का तो पेशा ही होता है तारीख अनुसार बातों और बयानों को दर्ज करते हुए जनता को उनकी पुनःस्मृति करवा देना ।
इसलिए इन दोनों की दुश्मनी स्वाभाविक हुई। जैसे ऊंट और हाथी।
शायद इसलिए क्योंकि कपाटनीतिज्ञ नेता की चाहत रहती है कि जनता पिछली बातों को भुलाती रहे। ताकि कपाटनीतिज्ञ को मौके के अनुसार पलटी मारते रहने की सुविधा मिलती रहे। कोई भी आम व्यक्ति उसके दोगलेपन, दूतरफा कर्मों को आसानी से पकड़ नहीं पाए, और सवाल नहीं करे।
और इतिहासकारों का तो पेशा ही होता है तारीख अनुसार बातों और बयानों को दर्ज करते हुए जनता को उनकी पुनःस्मृति करवा देना ।
इसलिए इन दोनों की दुश्मनी स्वाभाविक हुई। जैसे ऊंट और हाथी।
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