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Showing posts from March, 2018

67 साल के प्रजातन्त्र की समीक्षा

गलतियां हुई है संविधान निर्माताओं से। अब तो हमें rhetoric में उनके काम के तारीफ करना बंद करके समीक्षा करना शुरू करना होगा। आखिर 67 साल बीत गए हैं। कोई भी कानून जो व्यवस्थाओं संचालि...

चाइना में संवैधानिक संशोधन के प्रयास और समाज मे वर्ग विभाजन

* चाइना में संवैधानिक संशोधन के प्रयास और समाज मे वर्ग विभाजन * काफी सारे लोग चाइना को बहोत उत्कृष्ट देश समझते हैं। अभी कल ही चाइना में राष्ट्रपति को दो कार्यकालों से अधिक का अवसर देने के लिए एक संवैधानिक संशोधन का प्रस्ताव लाया गया, तब इसकी चाइना के सोशल मीडिया पर बहुत कटु आलोचना हुई। लोगो ने राष्ट्रपति झी जिनपिंग को उत्तरी कोरिया के सुंग वंश के राज्य से तुलना करके चाइना को उसी मार्ग पर के जाने का व्यंग बाण छोड़े थे। उत्तरी कोरिया में उनके देश के जन्म से आज तक बस सुंग वंश का राज चलता आया है। मगर आलोचनाओं को छिपाने के लिए चाइना की सरकार ने तुरंत इंटरनेट पर इस तरह के तीखे व्यंग को दबाना आरंभ कर दिया और तुरंत ही राष्ट्रपति और पार्टी की छवि को बेहतर बनाए रखने वाले लेख और सोशल मीडिया प्रचार का प्रसारण आरंभ कर दिया है । यही है चाइना कि सच्चाई।  अथाह गरीबी, और अशिक्षा से ग्रस्त चाइना में विशाल आबादी का श्रमिक शोषण ही वहां पर ऊपरी दिखती तरक्की-नुमा गगनचुंबी निर्माण वाले "विकास" का असल आधार है। अत्यधिक शोषण देशों तथा समाजों को वंशवाद की और ले जाता है, जहां से गरीबी और गुलामी उ...