राजनीती में क्यों दिलचस्पी लेनी चाहिए? अमीर लोग क्यों राजनीती में दिलचस्पी रखते हैं?

 राजनीती में क्यों दिलचस्पी  लेनी चाहिए?

अमीर लोग क्यों राजनीती में दिलचस्पी रखते हैं? 

क्यों कोई भी समाज Plebeian और Patrician में विभाजित हो ही जाता है , चाहे कितना भी समानता की बातें कर ले नियम बना ले।?


क्या अंतर होता है राजनीती में दिलचप्सी दिखने में -- एक Plebs वर्ग और एक Patrician वर्ग के सदस्य में ?


Quote,

ये विंध्याचल का programme ग़लत बना लिया है।

आइंदा से अगर अकेले जाओ, तब सिर्फ उतना ही कार्य करो, जितने के लिए यहाँ से बात करके निकली थी


@@र्य नया लड़का है, अभी vetting नही समझता है ,हालांकि ship पर पहुंच गया है

कहीं भी आने जाने से पहले ।मैं यहां पच्चीसों बातें सोचता हूँ,  रिसर्च करता रहता हूँ, वो कहां यूँ ही मस्ती में गाड़ी बुक करके निकल ले रहा है तुन्हें और सब को ले कर 😡😡


गाड़ी , driving सड़क, driver कुछ भी नही समझता है

उसको ऐसा नही करना चाहिए


तुमहे माना करना चाहिए कि तुम्हे मेरी permission के बिना नही ले जा सकता है अब वो


😡😡😡

हो सके तो टालो 

मना करो 😡😡😡


@@र्य दिमाग से अभी छोकरा किस्म का है

अंजान, अनदेखा, अज्ञात के प्रति दिमाग से खुद को तैयार नही किया है

Expect the unexpected में बिल्कुल ध्यान नही रखता है

मेने notice किया है,


गाड़ी में driver के संग आगे बगल में बैठा है, और सो गया है

तीतर ने रास्ता काटा और टकरा गया, उसने देखा तक नहीं

Level of alertness l--ow है

Low*


Driver कैसा चला रहा है, उसका judgment नही लेता रहता है

सड़क कैसी है, --- कोई judgment नहीं,

Traffic कैसा है,  कोई judgment नही 

गाड़ी कैसी है, कोई judgement नही


कान में plug लगा कर आराम से गाना सुनता हुआ आंख बंद करके सो जाता है, ख़यालों में खो जाता है


अगल बगल में कौन है, क्या कर रहे हैं, क्या इरादा हो सकता है उनका,

ऊपर नीचे क्या काम चल रहा है, judgment नही लेता रहता है, 

Intuition कमज़ोर है, डब्बा छोड़ कर बदल लेता है, केवल शक्ल देख कर, आंखें देख कर 

Full study नही मारता है व्यक्ति की, उसका डट कर सामना करने का secret plan नही रचता है दिमाग में


आकार करके बड़े आराम से उसके मुंह से निकलता रहता है, "उसमें हम क्या कर सकते है"

उसे नियंत्रण लेने की चेष्टा नही बनी रहती है

*अक्सर


उसमें क्रोध है, thinking नही है, intuition नही आया है gut feeling अशुभ को पहले से टोह लेने का


यही हाल @@रभ का है,

News paper और दुनिया की खबरों का विश्लेषण करके अपने ऊपर गिरने वाले संभावित प्रभावों पर पूरा शून्य चित्त है 

Sirf शरीर की आँखों से दुनिया को देखते हैं, दिमाग की आँखों से नही, भविष्य में झांखने की कोई कोशिश नही करते हैं

राजनीति में दिलचस्पी भविष्य की टोह लेने का रास्ता होती है,ये बात नही समझते है, 

दुनिया में घट रही नकारात्मक खबरों को नही पढ़ते है , अनुमान नही निर्माण करते हैं अपने दिमाग में


Corruption पर कोई टिप्पणी, कोई अंदाज़ा नही लगाते है कि कैसे, क्या हो जाता है

ISO, quality control, quality check पर कुछ हिसाब नही है


कच्ची पक्की सड़के, bridge, trains, hospitals, doctors ... सब ठन ठन हो कर केवल आँखों से देखते हैं, दिमाग से सोचते नही हैं


Police की कार्यवाही, court के तौर तरीके, .. सब दिमाग की सोच के परे बातें है


अपनी डोर आसानी से दूसरे के हाथ में थमा देते हैं

दोनों लोग


मुझ से पूछने की सोची तक नही, तुन्हें ले जाने से पहले😡😡😡

तुमने भी नही ख़याल किया 😡😡

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