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Showing posts from September, 2016

भक्त बनाम लिबेर्टर्डस

भक्त और लिबेर्टार्डों के बीच मोटे मोटे तौर पर दो मुख्य बिन्दूओं पर अंतर है : आरक्षण-विरोधी आचरण (anti-reservationism) और इस्लाम पंथ विरोधी आचरण (anti-Islamism) ।           इस्लाम-विरोधी आचरण का प्रतिसूचक ...

भक्तों के आआपा में गड़बड़ी दिखाने के पीछे तर्क क्या है ?

कमल भाई, भक्त विचारधारा का कहना है कि भ्रष्टाचार का विरोध वही करे जिसने खुद कोई पाप न किया है। जैसे की प्रभु येसु ने एक कुलटा स्त्री की जन आक्रोश से जीवन रक्षा के लिए तर्क दिय...

Mercantile कृष्णा और Martial कृष्णा

कृष्ण हिंदुओं के सर्वप्रिय पूजनीय ईश्वर हैं । हालाँकि कृष्ण के प्रति आस्था रखने वालों की विशाल जनसँख्या है, मगर मेरे देखने भर में यह समझ आया है की इस विशाल जनसँख्या में सभी ...

Rule of law की अपर्याप्त सांस्कृतिक समझ में पनपती भारतिय डेमोक्रेसी

rule of law से उपजे आचरण और प्रोटोकॉल किसी भी उच्च पद व्यक्ति की निष्पक्षता को जनता के सामने प्रमाणित रखते है। भाजपा और उसके पैतृक संस्थान आरएसएस की मूल समस्या ही rule of law को नहीं समझ सकन...

दशरथ मांझी हमारे संविधान की फसल है, हमें एक विकृत सबक सीखने का नायक और नमूना ।

संविधान के निर्माताओं की मानसिकता का एक विक्षिप्त पहलू तो स्पष्ट है।  संविधान निर्माता भारत को प्रजातंत्र तो बनाना चाहते थे मगर उन्हें भारतियों की मानसिक और बौद्धिक यो...