Fraternity और व्यापार तथा उद्योगों के उत्थान की कहानी
किसी भी business के लिए मन और शरीर का सहयोग होना ज़रूरी है, साथ मे अपने नजदीकी रिश्तों और दोस्तों का। इतना विशाल किस्म का सहयोग बिना किसी एक धार्मिक मान्यता के संभव नही होता। कि वह मन को भी शांत रखे, शरीर को भी, और यार-दोस्तों, रिश्तों को भी सहयोग के लिए प्रेरित करता रहे। क्योंकि बिज़नेस अनिश्चितताओं से भरा होता, इसलिए इसमें stress बहोत बनता है। हर काम मे अनदेखी बाधा, गड़बड़, और न जाने क्या क्या। ऐसे में लोग तनाव ग्रस्त होकर एक दूसरे से उलझ पड़ते हैं। तनाव शरीर और पेट पर भी तुरंत असर करता है। सफल वही होगा जो शांत बना रहे,मन से प्रसन्न चित रहे, और जिसके पास अपनो से बातचीत करते हुए, मुस्कराते हुए तमाम बाधाओं का तोड़ निकालने का माहौल हो। शायद इसीलिए ज्यादातर बड़े बिज़नेस किसी न किसी धर्म गुरु के इर्दगिर्द में ही बसते हैं। शायद इसलिए गुजरात मे ही बाबा लोगों की industry भी है और देश के बड़े बिज़नेस men भी। गौर करें तो करीब करीब सभी बड़े businessmen अपनी बिरादरी की ही देन हैं। tata लोग पारसी समुदाये से, अम्बानी लोग -गुजराती माढ़वाड़ी, अडाणी - जैन माड़वाड़ी, अज़ीम प्रेमजी - बोरा मुस्लिम। गुजरात के...