अहमदाबाद वायुयान दुर्घटना पर एक टिप्पणी

एयर इंडिया 171 वायुयान की दुर्घटना के विषय में जब से आरंभिक रिपोर्ट ने Fuel cutoff switch ( ईंधन प्रदाता स्विच) में गड़बड़ी किए जाने (मूलतः, किसी प्रकार के मानवीय कृत्य से) का सुझाव दिया है, 

तब से पश्चिमी मीडिया जगत में तो संपूर्ण दुर्घटना को किसी प्रकार का मानवीय आत्मघाती कर्म,या फिर आत्मघाती आतंकी कृत्य मानना आरंभ कर दिया है।

MH 370 की उड़ान में कप्तान ज़ाहरे अहमद शाह पर आत्मघाती कर्म की घनी शंका विशेषज्ञों की राय में बनी हुई है। जो कि मैं भी , एक तकनीकी पेशेवर की दृष्टि से, समर्थन करता हूँ।

Germanwings 9525 उड़ान में co पायलट ने आत्मदाह किया था, सभी यात्रियों की भी जान लेते हुए, मात्र girl friend से हुए झगड़े की वजह है।

मगर एक भारतीय होने के नाते मैं AI 171 के पायलटों पर आत्मघाती होने की बात को कभी स्वीकार नहीं कर सकूंगा ! क्योंकि ऐसा मैने भारतीय मूल्यों और परंपराओं। में कभी नहीं देखा सुना है, कि हवाई पायलट जैसे उच्च कौशल के पेशे में बैठे भारतीय इतनी गैरजिम्मेदार व्यवहार की नुमाइश करते हुए, अपने संग संग तमाम यात्रियों और परिवारों को तबाह कर दे! 

जितने भी depression में भारतीय व्यक्ति क्यों न हो, ज़िम्मेदारी को निभाता है। समाज का अहित नहीं होने देता है ।

Switches में स्वत: गड़बड़ी हो सकने की पूर्वचेतावनी रिपोर्ट जारी होने की भी एक खबर है, जो इस दुर्घटना के करीबन 2 माह पूर्व मे ही आई थी, इस प्रकार। के switches में ।

मै ये मान सकता हूं कि एयर इंडिया का तंत्र नकारा रहा हो, और अपनी भूल चूक में, पूर्वचेतावनी रिपोर्ट के कहे अनुसार जांच नहीं किए हो।

मगर भारतीय मूल के पायलटों के द्वारा पूरे समाज और परिवारों के विरुद्ध आत्मघाती हो जाना, ये मैं नहीं मान सकता।

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