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Showing posts from March, 2021

Suez Canal blockage and the so-called malpractice of complimenting.

Some guys are jestingly saying that the Suez Canal blockage by that large box ship happened because her Captain refused to give a small box of Marlboro as good-services compliment to the marine pilot who was suppose to help, virtually substitute as the Captain of the ship, and navigate the ship through the Canal .  Well, the trouble these days is that in all the socialists and the Communist countries , the professional services have all been turned into "paid jobs" which are controlled and operated by the Governments. Therefore, all types of practises of complimenting a service, even those which are happening from a voluntary expression of joy for receiving a good quality service, are straightforward perceived as an act of bribery and thereby, the corruption. .  There is the trouble which the Socialist system of Public Administration has brought with it, in the mass psychology .   In the free and liberal Democratic societies, the perception about the act of Complimen...

catholics और protestants में क्या भिन्नताएं होती है

 ईसाई धर्म में समयकाल में दो प्रमुख गुटों में विभाजन हो गया था मत-आधार पर।  क्या थे यह मत-आधार, क्या हैं इन दोनों गुटों की समानताएं, और भिन्न्नता , नीचे दिए गए चार्ट में यही ज़िक्र किया गया है (आम भारतीय की रूचि के प्रकाश में ) दो भिन्न गुटों के नाम हैं catholic  और protestants .  catholics  प्राचीन और आरम्भिक समूह का नाम हुआ, जो विभाजन के पूर्व समस्त ईसाई पंथी हुआ करते थे।  विभाजन का मुख्य कारण था चर्चों में बढ़ता हुआ भ्रष्टाचार।  धार्मिक भ्रष्टाचार का अभिप्राय था कि आम जनता को बेवक़ूफ़ बनाया जाता था उनकी दैविक आस्था का अवैध लाभ लेते हुए।  मिसाल के तौर पर :- चर्च में बैठे पादरी समूह  आम जनता  को मुफ्त में चर्च के लिए श्रमिक और कारीगरी योगदान देने के धार्मिक तर्क देते थे।   चर्च के पादरी कोई स्थाई और पूर्व घोषित नियामवली का पालन खुद तो करते नहीं थे, मगर दूसरों को किसी न किसी "ग़लती" का अपराधी बता कर उनके ऊपर धार्मिक पंचायत (inquisition ) बैठा कर उन्हें बेहद अमानवीय दंड देते थे।  आम आदमी को किसी भी साधारण तर्करेखा से यह बूझ सकना...