Epic चैनल के विषय में

I am concerned about the promotion of this EPIC channel .
Epic Channel on its face appears to be an India-centric version of knowledge channel as Discovery ®, or National  Geographic ®. 
  मगर एक तुलनात्मक दृष्टिकोण से epic चैनल और इन अन्य knowledge चैनल( ज्ञानवर्धन चैनल) में भेद समझ मे आएगा और इसकी वर्तमान काल मे सामाजिक -राजनैतिक भूमिका के पहलू खुलेंगे।
  जानकारी के लिए यह मालूम हो कि epic चैनल reliance मीडिया ग्रुप से आया चैनल है और अधिकांशतः भारत की पौराणिक, सांस्कृतिक , शास्त्रीय और इतिहासिक धरोहरों पर ही केंद्रित है। 
महज़ जानकारी प्राप्त करने की दृष्टिकोण से तो कोई दिक्कत नही है, मगर सामाजिक उपयोगिता के दृष्टिकोण से यह चेनल किसी विशेष राजनैतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए कार्य करता हुआ दिखाई पड़ता है। 
 जानकारी के लिए यह भी बता दें कि दूसरे अन्य ज्ञानवर्धक चेनल जैसे कि discovery , national geographic और history इत्यादि के भारत मे प्रसारण के अधिकार भी reliance ग्रुप ने ही संरक्षित कर लिए हैं।
    तुलनात्मक दृष्टिकोण से epic चेनल अन्वेषण (exploration) के स्थान पर रहस्यमयिता (mysticism) को प्रसारित करता दिखाई देगा। इसके मुकाबले Discovery, और National Geographic में खोज के तत्व दिखाई देंगे जिनका उद्देश्य आम आदमी की जिज्ञासा को तीव्र करना और अज्ञानता से बाहर आने का आभास कराता है।
Epic चेनल की रहस्यमयीता में उद्देश्य ऐसा महसूस होता है कि अब नतमस्तक हो कर इंसानी ज्ञान और मस्तिष्क की सीमाएं स्वीकार कर लेने का समय आ गया है। खास तौर भारतीय संस्कृति के नाम पर कुछ पुरानी किलों , संरचनाओं के रहस्यों के बारे में। epic चेनेल के प्रस्तुतकर्ताओं का लेखन भी कोई वैज्ञानिक समझ से भरा हुआ नही है। बल्कि उनके लेखन और पटकथा में अवैज्ञानिकता दिखाई पड़ती है। कार्यक्रमों की पटकथा में वैज्ञानिकता के नाम पर वही पहलू और बिंदु हिते है जिनके अन्वेषण की कथा समाज मे आज भी अज्ञात है और निष्कर्ष सभी को पता है। जैसे कि, पुराने भारतीयों को धरती के गोलाकार की जानकारी थी, या की गणित में pi की संख्या को पुराने भारतीय जानते थे। 
गौर करे कि आज के भारतीय समाज मे यह वह बिंदु है जो कि करीब करीब सभी की जुबान पर उपलब्ध है। मगर इनके स्रोत और खोज का किसी को सटीकता से  पता नही है। इस सवाल के पूछने पर अधिकांश भारतीय यही जवाब देंगे कि बड़े बड़े पश्चमी वैज्ञानिकों ने भी यह माना है कि पौराणिक भारतीयों ने बहोत योगदान दिया है विज्ञान में। 
और अधिक टटोलने पर भारतीय आपका तिरस्कार कर देंगे, की 'तेरी क्या औकात, तूने कभी साइंस पड़ी है, तू चला जा नंगों के पश्चिमी देशों में"। इसलिए ज्यादा खोज अपने रिस्क पर ही करें।

बरहाल, हमे अपनी संस्कृति पर गर्व कराने के चक्कर मे कुछ अर्धज्ञानी तथयिक बातों को समाज मे इतना व्यापक कर दिया गया है कि यह बिंदु आंखें खोलने की बजाए किसी विशेष किस्म से आंखें बंद करने लग गया है। 
गौर करें कुछ एक राजनैतिक पंथियों की आरम्भ से ही यही दृष्टिकोण भी रहा है जो कि संस्कृति पर अभिमान करके ही आगे बढ़ता आया है। 
Epic चेनल उसी विचार रेखा को आगे बढ़ाने का उद्देश्य पूरा करता दिखता है। इस चेनेल में भी वही अर्धज्ञानी बिंदुओं को दोहराया जा रहा होता है। इसमें अन्वेषण कुछ भी नही है, और उन बिंदुओं को वर्तमान काल मे आवश्यकता और आधुनिक विज्ञान में उपयुक्त स्थान पर उपयोगिता पर कोई भी चर्चा नही करि गयी है। यानी नतमस्तक कर देना ही epic चेनेल के ज्ञानबिंदु का उद्देश्य है, तथयिक दृष्टि से वह भले ही कितने ही सत्य क्यों न हो।

पुराने खोजों का वर्तमान विज्ञान में स्थान आज भी सामाजिक चेतना से विलुप्त रखा गया है। यही इस सांस्कृतिक धरोहर वाली राजनैतिक विचारधारा की पोल खोलता है। यहाँ पर इस विचारधारा का तर्क यही है कि इस पर खोज करि ही नही गयी, इसलिए आज ज्यादा प्रयोग में नही है। दूसरा की यह विचारधारा इतनी आत्ममोहित और आत्मकेंद्रित है कि यह देखना-सोचना ही भूल जाती है कि दूसरी संस्कृतियों ने क्या क्या योगदान दिए, उसी विषय और बिंदु पर। उदाहरण के लिए पैथोगिरस theorem को लीजिये। इस गणितीय ज्ञान को आंशिक तौर पर बहोत सारी सभ्यताएं जानती थी और किसी ने किसी से यह ज्ञान बिना चोरी किये ही प्राप्त किया था। मगर भारतीय चेतना आत्मतुष्टि में इतना लिप्त है कि उसने इस बात को अनदेखा कर दिया है। नतीज़ों में वह दूसरी सभ्यताओं से घृणा करने के लिए तत्पर है जो कि राजनैतिक विचारधारा अपनी स्वार्थी हितों के अनुसार कभी कभी समाज मे प्रेषित कर देती है।
यानी पश्चिमी सभ्यता को स्वार्थी आवश्यता कर अनुसार बहोत विकसित भी और बहोत घृणात्मक और चोरी डकैतों की सभ्यता कभी भी दिखाया जा सकता है। स्वार्थी, आत्ममुग्ध राजनैतिक विचारधारा को सामाजिक चेतना की परिस्थिति पसंद है , और epic चेनेल वापस उसी स्थिति को कायम करने की दिशा में कार्य करता हुआ दिखता है।

Comments

Popular posts from this blog

The Orals

Why say "No" to the demand for a Uniform Civil Code in India

About the psychological, cutural and the technological impacts of the music songs