अकबर-बीरबल और भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार को पूर्णतः ख़तम कर सकना कभी भी आसान नहीं था/

    एक बार बादशाह अकबर के दरबारियों ने उन्हें यह खबर दी की उनके दरबार में कहीं कोई मंत्री भ्रष्टाचारी हो गया है । अकबर ने बीरबल से इस बात की चर्चा करी / बीरबल ने अकबर से कहा की आलमपनाह अब भ्रष्टाचार का कोई इलाज नहीं होता / इस पर अकबर ने बीरबल के इस उत्तर को एक चुनौती मानते हुए बीरबल से कहा की वह भ्रष्टाचार को ख़तम कर के ही दिखायेंगे । अकबर ने अपने उस भ्रष्टाचारी दरबारी को एक दम वहायत नौकरी पर रख दिया जहाँ उसे भ्रष्टाचार करने का कोई मौका ही न मिले ।
     उस दरबारी को यमुना नदी की लहरों को गिन कर लेखा-जोखा बनाने के काम पर लगा दिया /
  कुछ दिन के बाद अकबर ने बीरबल से पुछा की अब उस दरबारी का भ्रष्टाचार करने का मौका ख़तम हुआ की नहीं । बीरबल मुस्कराए और जवाब दिया की 'नहीं' । इस पर अकबर को अचम्भा हुआ और उन्होंने बीरबल से पूछा की अब वह दरबारी कैसे भ्रष्टाचार कर लेता है । बीरबल ने अकबर को खुद ही यमुना के तट पर चल कर देखने को कहा ।
    वह जा कर अकबर ने देखा की अब वह दरबार यमुना नदी पर चलने वाली नावों से रिश्वत वसूलने के काम में लग चूका था । उसने हर आने जाने वाली नाव के नाविकों को यह कहना शुरू कर दिया था की बादशाह ने उसे यमुना की लहरों को गिनने का काम सौंपा है । नावों के आने जाने से लहरें टूट जाती है जिससे उसे यह काम करने में दिक्कत आती है । अगर वह बादशाह से उनकी शिकायत करेगा तब उनको सजा हो सकती है , इसलिए उसे खुश रखने के लिए नाविकों को उसे कुछ देना चाहिए !

 (ऊपर लिखे इस किस्से को कहने का मकसद भ्रष्टाचार की आज की लड़ाई को पराजित करने का बिलकुल भी नहीं है । व्यक्तिगत व्यवहार से उत्पन्न भ्रष्टाचार (या कोई भी अन्य अपराध) की सत्यता को किसी भी तंत्र , अथवा व्यवस्था को अपने भ्रष्टाचार (या अपराध) रोकथाम के नियमो की कड़क और अभेदय बनाने से वंचित नहीं करना चाहिए । जिस तरह मृत्यु प्रत्येक मनुष्य के जीवन का सत्य है , मगर इस सत्य का अर्थ यह नहीं होता की हमारा समाज रोगियों का इलाज करना बंद कर दे, ऐसा मान कर की इलाज का क्या फायद, मृत्यु तो एक दिन आनी ही है । जीवन के विस्तार स्थल से दर्शन लेने पर कई समस्याओं का कोई हल नहीं मिलेगा , मगर एक सामूहिक, तंत्रीय या सामाजिक व्यवस्था की भूमि से दर्शन करने पर उन समस्याओं का एक तंत्रीय और प्रबंधक हल अवश्य मिल सकता है ।)

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